दिवाली पर यूपी वालों ने खूब गटकी शराब, टूट गए सारे रिकॉर्ड, इन 3 शहरों में सबसे ज्यादा हुई बिक्री
Diwali Liquor Sale : आम तौर पर मार्च महीना आबकारी विभाग के लिए झोली भरने वाला होता है। इसकी पहली वजह तो ये है कि इस महीने में होली पड़ती है। दूसरा कारण ये भी होता है कि मार्च का महीना सर्दी और गर्मी के मिले-जुले अनुभव वाला होता है, जिसे जाम छलकाने वाले मुफीद मानते हैं। लेकिन इस बार दिवाली के दौरान भी प्रदेश में शराब की जमकर बिक्री हुई है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाले आंकड़े प्रयागराज से सामने आए हैं, जहां पिछला हर रिकॉर्ड टूट गया है।
उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला वैसे तो शराब पीने के मामले में हर बार उदासीन ही रहता है, लेकिन इस बार प्रयागराज ने भी शराब बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया है। प्रयागराज में आज तक एक महीने में शराब की इतनी बिक्री नहीं हुई, जितनी इस बार अक्टूबर में हुई है।
अक्टूबर महीने में प्रयागराज में कुल 104 करोड़ रुपये की शराब बिकी है। जिले से कभी भी सरकार को 100 करोड़ का राजस्व तक नहीं मिला था। पूरे सूबे की बात करें, तो 75 जिलों से प्रदेश को 3797 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।
शराब पीने में सबसे आगे लखनऊ
आंकड़ों से पता चलता है कि शराब पीने के मामले में राजधानी लखनऊ के लोग सबसे आगे हैं। अक्टूबर महीने में उत्तर प्रदेश को जो 3797 करोड़ का राजस्व मिला है, उसमें से अकेले लखनऊ का हिस्सा 197.29 करोड़ रुपये का है। जबकि पिछले साल अक्टूबर में लखनऊ में 180.50 करोड़ रुपये की शराब बिकी थी।
कानपुर भी शराब पीने में पीछे नहीं है। यहां पिछले साल अक्टूबर में 133.33 करोड़ रुपये की शराब बिकी थी, जो इस बार बढ़कर 140.45 करोड़ रुपये हो गई है। आगरा की बात करें, तो अक्टूबर 2023 में ताजनगरी ने 123.25 करोड़ रुपये का राजस्व दिया था, जबकि अक्टूबर 2024 में यहां 131.31 करोड़ रुपये की शराब बेची गई है।
अन्य शहरों में भी खूब बिक्री
गोरखपुर भी शराब पीने के मामले में प्रगति पर है। यहां अक्टूबर 2023 में 99.63 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई थी, जबकि इस बार अक्टूबर 2024 में 105.04 करोड़ रुपये की शराब बिकी है। वाराणसी में अक्टूबर 2023 में 101.97 करोड़ की शराब बिकी थी, जो अब बढ़कर 115.14 करोड़ हो गई है।
प्रयागराज में अक्टूबर 2023 में 88.61 करोड़, जबकि अक्टूबर 2024 में 104.11 करोड़ रुपये की शराब बेची गई। वहीं गौतम बुद्ध नगर में अक्टूबर महीने में 250 करोड़ रुपये की शराब पी ली, जो पिछली बार 204 करोड़ थी। गौतम बुद्ध नगर वालों ने तो महज 2 दिन में 25 करोड़ की शराब गटक ली।