‘पवार साहब हमारे देवता हैं, अगर मैं उनका बेटा होता तो…’, अजित पवार का छलका दर्द
Sandesh Wahak Digital Desk: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के अध्यक्ष शरद पवार के बेटे नहीं हैं इसलिए उन्हें राजनीतिक अवसर नहीं मिला।
राकांपा नेता अजित पवार ने कहा कि 80 साल की उम्र के बाद नए लोगों को मौका दिया जाना चाहिए।
उन्होंने शरद पवार के इस बयान पर कि भाजपा के साथ बातचीत हुई थी। लेकिन उसके साथ जाने के संबंध में बातचीत नहीं हुई थी। कहा कि कम से कम उन्होंने यह तो स्वीकार किया कि बातचीत हुई थी। अजित पवार ने साथ ही कहा कि वे बातचीत के साक्षी हैं।
पिछले साल जुलाई में अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के आठ अन्य विधायक महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए। इस घटना के बाद वह राकांपा बंट गई थी जिसका गठन शरद पवार (83) ने किया था।
नये लोगों को मौका दिया जाना चाहिए: अजित पवार
पुणे जिले के शिरूर में एक रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि ‘मेरी उम्र भी 60 से ऊपर है। हमारे पास कोई मौका है या नहीं? क्या हम गलत बर्ताव कर रहे हैं? इसीलिए हम भावुक हो जाते हैं। पवार साहब भी हमारे ‘देवता’ हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन हर व्यक्ति का वक्त होता है। 80 की उम्र पार करने के बाद नये लोगों को मौका दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘अगर मैं राकांपा (शरद पवार) के अध्यक्ष शरद पवार का बेटा होता तो क्या मुझे अवसर नहीं मिलता? हां, यकीनन मुझे अवसर मिलता। मुझे सिर्फ इसलिए अवसर नहीं मिला कि मैं उनका बेटा नहीं हूं। ये कैसा न्याय है’।
उप मुख्यमंत्री राकांपा के शिरूर लोकसभा सीट से उम्मीदवार शिवाजीराव अधलराव पाटिल के लिए प्रचार कर रहे थे।
पुणे जिले का बारामती पवार परिवार का गढ़ है। अजित पवार की पत्नी इसी सीट से चुनाव लड़ रही हैं और उनका मुकाबला शरद पवार की बेटी एवं अपनी ननद सुप्रिया सुले से है। बारामती सीट पर सात मई को मतदान संपन्न हो चुका है।
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