Parliament Session : हंगामे के बाद राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट; पीएम मोदी ने की ये टिप्पणी

Sandesh Wahak Digital Desk: राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रति लेकर कूदने वालों ने संविधान दिवस का विरोध किया था। प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी पर विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। विपक्ष ने पीएम मोदी के बीच भाषण में वॉकआउट किया। वहीं, पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह से संविधान की वजह से उन्हें संसद तक पहुंचने का मौका मिला।

पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है। आजादी के बाद अनेक दशकों तक जिनको कभी पूछा नहीं गया। हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है। इस दौरान सदन में विपक्ष का हंगामा देखने को मिला और उन्होंने वॉकआउट किया।

प्रधानमंत्री ने कहा क्योंकि उन्होंने प्रोपेगेंडा (दुष्प्रचार) को परास्त कर दिया, देश की जनता ने परफॉर्मेंस (प्रदर्शन) को प्राथमिकता दी, भ्रम की राजनीति को देशवासियों ने ठुकरा दिया और भरोसे की राजनीति पर विजय की मुहर लगाई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनावी नतीजों के आने के बाद भी कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया, उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की।

जयराम रमेश पर पीएम मोदी ने कसा तंज

उन्होंने कहा लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से नतीजे आए हैं तब से इस सदन के एक सदस्य उनकी सरकार को ‘एक तिहाई सरकार’ बता रहे हैं।

मोदी ने कहा कि इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसीलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के आने वाले पांच वर्ष गरीबों के खिलाफ लड़ाई के लिए निर्णायक वर्ष हैं और यह देश गरीबी के खिलाफ लड़ाई में विजयी होकर रहेगा। उन्होंने कहा मैं पिछले 10 वर्ष के अनुभव के आधार पर बहुत विश्वास से यह कह सकता हूं। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किया संविधान का जिक्र

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान 26 जनवरी को संविधान दिवस मनाए जाने के फैसले का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि संविधान की प्रति हाथ में लेकर ‘घूमने वाले’ लोगों ने इसका भी विरोध किया था।

सदन में मौजूद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर आपत्ति जताई और आसन से अपना पक्ष रखने का आग्रह किया। हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरु कर दी। प्रधानमंत्री ने हंगामे के बीच ही अपना संबोधन जारी रखा। कुछ देर बाद विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।

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