Parliament Session 2024: ’21वीं सदी में नया चक्रव्यूह तैयार…’, संसद में राहुल गांधी का BJP सरकार पर वार
Sandesh Wahak Digital Desk: संसद के मानसून सत्र का सोमवार (29 जुलाई) को छठा दिन है। राहुल गांधी दोपहर 2 बजे लोकसभा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बजट पर चक्रव्यूह की कहानी सुनाई। इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें मना किया। तो सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
हंगामे के बाद राहुल गांधी ने बजट पर अपनी बात रखी। नेता प्रतिपक्ष ने अग्निवीर, पेपर लीक, किसान और मिडिल क्लास पर बात की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग की पीठ पर छुरा घोंपा है। वहीं किसानों के लिए तीन काले कानून लाए थे। राहुल ने भाषण के दौरान अंबानी-अडाणी का नाम लिया तो स्पीकर ने उन्हें टोका कि, जो सदन में नहीं उसका नाम नहीं ले सकते। इस पर राहुल ने कहा- क्या इन्हें A1 और A2 कह सकता हूं।
‘21वीं सदी में नया चक्रव्यूह रचा गया’
लोकसभा में बजट पर बोलते हुए राहुल गांधी ने अभिमन्यू को चक्रव्यूह में फंसाकर मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जो अभिमन्यू के साथ किया गया था। वही हिंदुस्तान के लोगों के साथ किया जा रहा है। चक्रव्यूह का एक और रूप होता है, पद्मव्यूह जो लोटसव्यू में होता है। जिसे मोदीजी अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। इस व्यूह को छह लोग- मोदी जी, अमित शाह जी, मोहन भागवत जी, अजित डोभाल जी, अंबानी जी, अडानी जी कंट्रोल कर रहे हैं।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 29, 2024
राहुल गांधी ने कहा कि 21वीं सदी में नया चक्रव्यूह रचा गया। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने इस पर राहुल गांधी को टोकते हुए कहा कि आपके सदस्यों ने भी कई बार कहा है कि जो सदन का सदस्य नहीं है। उसका नाम नहीं जाना चाहिए। इस पर राहुल ने कहा कि आप कहते हैं तो नाम नहीं लेता हूं सर।
आपने युवाओं को चक्रव्यूह में फंसाया- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि दो लोग देश की अर्थव्यवस्था संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट में युवाओं के लिए आपने क्या किया। इसके कारण एक युवा को रोजगार नहीं मिल सकता। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ये जो इंटर्नशिप प्रोग्राम है, वह मजाक है। क्योंकि आपने कहा कि इंटर्नशिप केवल देश की टॉप 500 कंपनियों में ही होगा।
उन्होंने कहा कि आपने पहले युवाओं की टांग तोड़ दी और फिर बैंडेज लगा रहे हैं। युवाओं को आपने एक तरफ पेपरलीक, दूसरी तरफ बेरोजगारी के चक्रव्यूह में फंसा दिया है। 10 साल में 70 बार पेपर लीक हुआ है। पेपरलीक को लेकर बजट में एकबार नहीं कहा गया है। एजुकेशन बजट में जो पैसा देना चाहिए था। उसे भी नहीं दिया गया।
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