संसद देश के लोकतंत्र का ताज, ‘बड़े दिल’ से उद्घाटन समारोह में शामिल हो विपक्ष : प्रसाद
Sandesh Wahak Digital Desk : बीजेपी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि यह उनकी पहल पर बनाया गया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नए संसद भवन को भारत के गौरव का प्रतीक करार देते हुए विपक्षी दलों से 28 मई को इसके उद्घाटन के ‘ऐतिहासिक दिन’, ‘बड़ा दिल’ दिखाकर शामिल होने की अपील की।
उन्होंने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हम सभी राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं। मैं कांग्रेस द्वारा उनके बारे में कही गई बातों को याद कर आज राष्ट्रपति पद को किसी विवाद में नहीं घसीटना चाहता। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री भी संसद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री के पास संवैधानिक जिम्मेदारी भी है’।
बहिष्कार को विपक्षी एकता बनाने के मंच के रूप में इस्तेमाल न करें
प्रसाद ने विपक्षी नेताओं से आग्रह किया कि वे कार्यक्रम के बहिष्कार को विपक्षी एकता बनाने के मंच के रूप में इस्तेमाल न करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए और कई और अवसर आएंगे।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘मुगलों ने लाल किला, जामा मस्जिद और हुमायूं का मकबरा बनवाया। उनका दावा है कि कुतुब-उद-दीन ऐबक ने कुतुब मीनार का निर्माण कराया था। अंग्रेजों ने नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, राष्ट्रपति भवन… जिसे वायसराय हाउस कहा जाता था और एक संसद भवन का निर्माण किया।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘हमने आजादी के 75 वर्षों में क्या बनाया?’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के 75 पांच साल बाद भारत को भारतीयों द्वारा बनाई गई संसद क्यों नहीं मिलनी चाहिए।
संसद देश के लोकतंत्र का ताज
उन्होंने कहा कि नया संसद भवन भारतीय वास्तुकला का अनुकरणीय मॉडल है और इसे भारतीय संस्कार के अनुसार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि ‘मैं कांग्रेस नेताओं और अन्य विपक्षी नेताओं से कहूंगा कि आप आएं और कार्यक्रम में शामिल हों। संसद देश के लोकतंत्र का ताज है’।
उन्होंने कहा कि आपके नेता, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, सेंगोल (सौंपने) की परंपरा से भी जुड़े थे… मैं कांग्रेस के अपने मित्रों से इस इतिहास, ऐतिहासिक विरासत का गवाह बनने के लिए आने का आग्रह करता हूं।
प्रसाद ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है क्योंकि यह प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर बनाया गया है। उन्होंने कहा उनकी समस्या यही है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने नए भवन की आधारशिला रखने के लिए आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। उन्होंने कहा कि क्या वे सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने गए हैं, जहां हर हफ्ते लाखों पर्यटक आते हैं? क्या वे परमवीर चक्र विजेताओं को प्रणाम करने के लिए इंडिया गेट के पास बनाए गए विश्व स्तरीय युद्ध स्मारक पर गए हैं?
प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न अवसरों पर अपने पूर्ववर्तियों के प्रति सम्मान दिखाया
प्रसाद ने विपक्षी दलों से बड़ा दिल दिखाने और नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का आग्रह किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न अवसरों पर अपने पूर्ववर्तियों के प्रति सम्मान दिखाया है।
रविशंकर प्रसाद ने दावा किया ‘मैं इस देश को बताना चाहता हूं कि देश में केवल चार प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्हें लोगों ने चुना है- पहले नेहरू जी, दूसरी इंदिरा गांधी, तीसरे अटल बिहारी वाजपेयी और चौथे नरेन्द्र मोदी।’’
उन्होंने कहा कि ‘बाकी प्रधानमंत्रियों… मेरा मतलब उनका अपमान करना नहीं है, लेकिन लोगों ने उन्हें नहीं चुना। मोरारजी देसाई को भी लोगों ने नहीं चुना क्योंकि उन्होंने लोक नायक जयप्रकाश नारायण को वोट दिया था। राजीव गांधी के समय में इंदिरा गांधी की हत्या के कारण सहानुभूति की लहर थी। हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि पी वी नरसिंह राव, देवेगौड़ा (एच डी देवेगौड़ा), इंद्र कुमार गुजराल, चंद्रशेखर, वी पी सिंह प्रधानमंत्री कैसे बने’।
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