Paris Olympics 2024: आखिर पदक जीतने के बाद मेडल क्यों चबाते हैं खिलाड़ी? वजह हैरान करने वाली

Why Athletes Bite Medals After Wining: 26 जुलाई से ओलंपिक 2024 का शुभारंभ होने जा रहा है. जिसकी मेजबानी पेरिस कर रहा है. ओलंपिक खेलों को लेकर फैंस के अंदर धीरे-धीरे उत्सुकता बढ़ती जा रही है. हर बार की तरह इस बार भी तमाम भारतीय खिलाड़ी खेलों के महा कुंभ में हिस्सा लेंगे.

Paris Olympics 2024

अगर आपने कभी ओलंपिक खेलों को देखा होगा, तो आपने एक चीज़ पर ज़रूर गौर किया होगा कि मेडल जीतने के बाद खिलाड़ी उसे दातों से चबाते हैं. लेकिन ऐसा क्यों होता हैं? आइए जानते हैं.

सिर्फ ओलंपिक ही नहीं, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स या फिर किसी और तरह के खेल हों, खिलाड़ी मेडल जीतने के बाद उसे दातों से चबाते हुए दिख जाते हैं. सबसे पहले तो आपको यह बता दें कि खिलाड़ियों का मेडल को दातों से चबाना कोई नियम नहीं है.

सोने की मुद्रा की गुणवत्ता ऐसे की जाती थी चेक

Paris Olympics 2024

पहले सोने के सिक्के मुद्रा के रूप में इस्तेमाल किए जाते थे. सोना एक नरम धातु है. और अक्सर पहले के व्यापारी सोने के सिक्कों को दातों से चबाकर उसकी गुणवत्ता चेक करते थे. हालांकि, मौजूदा वक़्त में मेडल को दांत से काटने का मतलब उसकी गुणवत्ता चेक करना नहीं होता है.

ओलंपिक में साल 1912 से पहले शुद्ध सोने के मेडल दिए जाते थे. लेकिन फिर इसके बाद से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने शुद्ध सोने के मेडल देना बंद कर दिए थे. 1912 से पहले माना जाता कि खिलाड़ी मेडल की गुणवत्ता जाचने के लिए उसे दातों से चबाते थे, लेकिन 1912 के बाद दूसरी धारणा मानी जाने लगी. जब शुद्ध सोने के मेडल दिए जाने बंद कर दिए गए, तो माना जाने लगा का खिलाड़ी अपनी मेहनत और जोश को दिखाने के लिए मेडल को दातों से चबाते हैं.

ओलंपिक में ने भी बताई वजह

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वहीं, अगर ओलंपिक की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी की मानें तो एथलीट फोटो खिंचवाने के लिए मेडल को दांत से दबाकर पोज़ देते हैं. फोटोग्राफर पोडियम पर खड़े एथलीट्स से मेडल को दांत से दबाकर पोज़ करने के लिए कहते हैं.

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