Paper Leak Case: पेपर लीक के सरगनाओं की कई प्रदेशों में बेहिसाब संपत्तियां
रवि अत्री से लेकर राजीव नयन मिश्रा जैसे कई आरोपियों की लंबी फेहरिस्त, मनी लॉन्ड्रिंग पर ईडी की सुस्ती
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: बीते कुछ वर्षों में उत्तरप्रदेश समेत देश भर में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक की घटनाओं ने रफ्तार पकड़ी है। लाखों छात्रों के भविष्य के संग खिलवाड़ करने वाले पेपर लीक से जुड़े माफियाओं के संबंध कई रसूखदारों से हैं। सिर्फ यही नहीं प्रतियोगी परीक्षाओं को दीमक की तरह चट करने वाले ऐसे माफियाओं ने अकूत सम्पत्तियां बना रखी हैं। लेकिन मनी लांड्रिंग कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) इन आरोपियों की सम्पत्तियां जब्त करने में कुछ ख़ास तेजी नहीं दिखा रही है। इनमें से अधिकांश आरोपी पहले भी कई भर्ती घोटालों के सहारे बेहिसाब सम्पत्तियां अर्जित कर चुके हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में मेरठ की जेल में बंद रवि अत्री के तार नीट-यूजी फर्जीवाड़े से भी जुड़ गए हैं। सीबीआई भले इस मामले में एफआईआर दर्ज कर चुकी हैं। लेकिन ईडी अभी भी इन माफियाओं के खिलाफ हाथ पर हाथ धरे बैठी है। नोएडा के जेवर के नीमका गांव के निवासी अत्री ने बीते कुछ समय में कई सम्पत्तियों की खरीद फरोख्त की है।
रवि अत्री के पास है बेहिसाब संपत्ति
कुछ माह पहले रवि ने बुलंदशहर में करोड़ों की 20 बीघे जमीन खरीदी है। वहीं नीमका गांव में कई बीघे जमीन पहले से है। नोएडा में भी इस पेपर माफिया के कई फ़्लैट बताये जा रहे हैं। रवि को पेपर लीक का बड़ा मास्टरमाइंड है। ये यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा समेत लगभग आठ परीक्षा लीक कर चुका है। इसके गिरोह के तार दिल्ली से लेकर बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों से जुड़े हैं।
जिसमें कई पेपर माफिया हैं। लेकिन ईडी ने अभी तक पीएमएलए एक्ट के तहत यूपी में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने वाले ऐसे मास्टरमाइंड के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है। इसी तरह सिपाही भर्ती घोटाले के मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्र भी करोड़ों की प्रॉपर्टी का मालिक है। उसके कई होटल और रिसॉर्ट के साथ अस्पताल भी हैं।
वह सिपाही भर्ती के साथ ही यूपीपीएससी, इंजीनियरिंग, और नीट से लेकर टीईटी सहित अन्य परीक्षाओं में भी सेंधमारी करता है। जिसके सहारे बेहिसाब पैसा कमाया गया है। उसने प्रयागराज के साथ ही नोएडा, दिल्ली जैसे शहरों में रियल इस्टेट में काफी पैसा लगाया था। एमपी में संविदा स्टाफ नर्स परीक्षा का पेपर लीक कराने के बाद ही इसने 35 लाख की एक फॉच्र्यूनर भी खरीदी थी। इसी तरह कई पेपर माफियाओं ने अकूत सम्पत्ति कई प्रदेशों में बना रखी है।
कोचिंग माफियाओं पर भी नहीं कसता शिकंजा
भर्ती परीक्षाओं में सेंधमारी करने वाले इन पेपर माफियाओं के तरफ बड़े बड़े इंस्टीट्यूट और कोचिंग माफियाओं से सीधे तौर पर जुड़े रहते हैं। कोचिंग संचालक ही इनके लिए ग्राहक तलाशने का काम करते हैं। जिसके बदले करोड़ों की रकम का लेनदेन होता है। लेकिन एजेंसियों की जांच से ऐसे बड़े संचालक हमेशा बच निकलते हैं।
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