डेंगू में संजीवनी बूटी बनते हैं पपीते के पत्ते, प्लेटलेट्स बढ़ाने में होते हैं सहायक, जानिए सेवन का सही तरीका
डेंगू बुखार एक गंभीर समस्या है जो प्लेटलेट्स की कमी के कारण खतरनाक हो सकता है। प्लेटलेट्स तेजी से कम होने पर डेंगू के मरीज को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। आयुर्वेद में पपीते के पत्ते को डेंगू के इलाज में फायदेमंद माना गया है। कई मेडिकल रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि पपीते के पत्तों में मौजूद कंपाउंड डेंगू से लड़ने में सहायक होते हैं। National Library of Medicine की रिपोर्ट के अनुसार, पपीते में एल्कलॉइड, ग्लाइकोसाइड, टैनिन, सैपोनिन और फ्लेवोनोइड जैसे एक्टिव घटक होते हैं जो डेंगू वायरस के प्रभाव को कम करते हैं और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करते हैं।
पपीते के पत्तों के फायदे
मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि पपीते के पत्तों से निकलने वाले जूस में 1-beta-D-ribofuranosyl-3-ethynyl (टेरिआजोल) और 1-beta-D-ribofuranosyl-4-ethynyl (इमिडाजोल) कंपाउंड होते हैं। ये कंपाउंड डेंगू वायरस को शरीर में फैलने से रोकते हैं और मरीज के प्लेटलेट्स को बढ़ाते हैं।
पपीते के पत्तों का जूस बनाने का तरीका
पपीते के हरे और ताजा पत्तों को बारीक पीस लें या कूट लें। इसका अर्क निकाल कर उसमें थोड़ा पानी और नींबू का रस मिलाकर दिन में दो बार पीएं। ध्यान रखें कि ज्यादा मात्रा में सेवन करने से उल्टी हो सकती है।
उबालकर पिएं पपीते के पत्ते का रस
आप पपीते के पत्तों को पानी में उबाल ले जब तक इसका रंग बदल ना जाए। जब पानी उबलकर लगभग 1 कप रह जाए तो इसे छान कर ठंडा होने के के लिए रखा दे। उसके बाद दिन में 2 से 3 बार पिएं।
सावधानी जरूरी
डॉक्टर्स का कहना है कि पपीते के पत्तों का जूस या पानी ज्यादा मात्रा में पीने से उल्टी हो सकती है। इसलिए किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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