One Nation One Election: लोकसभा में आज पेश होगा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल, BJP ने सांसदों को जारी किया व्हिप
Sandesh Wahak Digital Desk: आज संसद के शीतकालीन सत्र के 17वें दिन सरकार लोकसभा में एक देश-एक चुनाव से जुड़े 2 बिल पेश करेगी. दोनों बिल को 12 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है.
आपको बता दें कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एक देश-एक चुनाव के लिए 129वां संविधान संशोधन बिल पेश करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, ये भी कहा जा रहा है कि बिल पर सहमति के लिए इसे जेपीसी में भेजा जाएगा. हालांकि, बीजेपी और शिवसेना ने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. साथ ही सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है.
बिल को NDA के सहयोगी दलों का भी साथ मिल चुका है. सहयोगी दल सरकार और बिल के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. विपक्ष वन नेशन, वन इलेक्शन बिल के विरोध में है. विपक्ष इसे गैरजरूरी और असल मुद्दों से भटकाने वाला बिल बता रहा है. वहीं, सभी कांग्रेस लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी किया गया है, जिसमें आज की महत्वपूर्ण कार्यवाही के लिए सदन में उनकी उपस्थिति अनिवार्य की गई है.
एक देश एक चुनाव पर प्रतिक्रिया
एक देश एक चुनाव विधेयक पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘कांग्रेस एक देश एक चुनाव विधेयक को पूरी तरह से खारिज करती है. हम इसे पेश किए जाने का विरोध करेंगे. हम इसे संयुक्त संसदीय समिति को सौंपे जाने की मांग करेंगे. हमारा मानना है कि यह असंवैधानिक है. यह मूल ढांचे के खिलाफ है और इसका उद्देश्य इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही को खत्म करना है.’
नागपुर में एक राष्ट्र एक चुनाव पर शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा, “यह देश के लिए अच्छा होगा. इसे लागू करना पीएम मोदी की प्रतिबद्धता थी. हम उनके साथ हैं.” महाराष्ट्र के मंत्रियों के पोर्टफोलियो पर उन्होंने कहा, “सीएम ने कहा है कि आज शाम तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा.”
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर बीजेपे सांसद संजय जयसवाल ने कहा, “इस देश के पूर्व राष्ट्रपति के अध्यक्षता में एक समिति बनी. उस समिति ने सभी लोगों से बात करके एक निर्णय पर पहुंची है और उसको कैबिनेट ने मंजूरी दी. मुझे लगता है हर सांसद को खुले दिल से इस विचार करना चाहिए. संसद बनी ही है कि हम कानून को ढंग से लागू कर सके… वो लोग क्यों विरोध कर रहे हैं इस पर बात करें.”
समाजवादी पार्टी सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, ‘हमारी पार्टी उसका विरोध करेगी क्योंकि वो संविधान की तमाम धाराओं के खिलाफ है.’
वहीं, अखिलेश यादव ने कहा, ‘लोकतांत्रिक संदर्भों में एक शब्द ही अलोकतांत्रिक है. लोकतंत्र बहुलता का पक्षधर होता है. एक की भावना में दूसरे के लिए स्थान नहीं होता, जिससे सामाजिक सहनशीलता का हनन होता है. व्यक्तिगत स्तर पर एक का भाव, अहंकार को जन्म देता है और सत्ता को तानाशाही बना देता है.’