उत्तर प्रदेश में किसके इशारे पर बढ़ा गुजराती कंपनियों का दखल!

बीते वर्षों में मिले अरबों के ठेके, एडुटेस्ट जैसी फार्मों के कारनामों ने कराई फजीहत, नये मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह कसेंगे शिकंजा

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में गुजराती कंपनियों को अरबों के ठेकों से नवाजा गया है। इनमें एडुटेस्ट जैसी वो दागी कंपनियां भी शामिल हैं। जिनके सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपरलीक जैसे कारनामों से यूपी सरकार को विपक्ष के निशाने पर आते देर नहीं लगी। मुख्यमंत्री योगी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए इस दागी एजेंसी को भले ब्लैकलिस्ट कर दिया। लेकिन किसके इशारों पर ऐसी दागी कंपनियों का दखल यूपी में तेजी से बढ़ा है। ये गंभीर सवाल है। मुख्यमंत्री भले ऐसी दागी कंपनियों पर सख्ती दिखाएं, लेकिन केंद्र सरकार अभी भी इन गुजराती कंपनियों पर मेहरबान है।

 

20 अक्टूबर, 2023 को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एडुटेस्ट सॉल्युशंस को कई परीक्षाओं के आयोजन में लापरवाही पर ब्लैकलिस्ट किया था। तब कम्पनी का नाम दूसरा था। मालिक विनीत आर्य जेल की सैर तक कर आया था। बाद में आर्य ने कम्पनी का नाम एडुटेस्ट सॉल्युशंस प्राइवेट लिमिटेड रखकर लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नर्सों की भर्ती के लिए परीक्षा की जिम्मेदारी का ठेका पाया।

अभ्यर्थियों संग खिलवाड़ की आरोपी गुजराती कम्पनी का मालिक फरार

परीक्षा में गड़बडिय़ों पर डेढ़ दर्जन केंद्रों पर पुन: परीक्षा आयोजित कराने की नौबत आयी। यूपी पुलिस के भर्ती बोर्ड के अफसरों ने इसी दागी कम्पनी एडुटेस्ट को सिपाही भर्ती परीक्षा कराने का ठेका सौंप दिया। अब 43 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों संग खिलवाड़ की आरोपी गुजराती कम्पनी का मालिक विदेश भाग चुका है।

राम पथ

दागी एडुटेस्ट सॉल्युशंस ने यूपी के अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के लिए काम किया है। इसी तरह प्रदेश में सुल्तानपुर समेत आधा दर्जन जिलों में जिला अस्पतालों को उच्चीकृत करके मेडिकल कॉलेज में तब्दील करने का अरबों का ठेका भी गुजरात के अहमदाबाद की नामी कम्पनी पीएसपी प्रोजेक्ट को दिया गया। सिर्फ सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज का बजट ढाई सौ करोड़ से ज्यादा का था। वहीं अयोध्या में राम पथ में सीवर बनाने का अरबों का काम भी गुजरात की भुवन इंफ्राकॉम को दिया गया। यहां गड्ढे पडऩे पर जल निगम के तीन इंजीनियर सस्पेंड किये गये। कम्पनी को कारण बताओ नोटिस मिला।

असली जलवेदार हैं संस्थापक निदेशक, योगी ने दिखाई सख्ती

एडुटेस्ट कम्पनी के संस्थापक निदेशक सुरेश चंद्र आर्य हैं। जो गुजरात में प्रमुख संगठन के अध्यक्ष हैं। कम्पनी का फरार निदेशक विनीत आर्य इन्ही का बेटा है। सुरेश और विनीत से जुड़े कार्यक्रमों में पीएम से लेकर यूपी की राज्यपाल की बेटी समेत भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री तक शिरकत करते रहे हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी ने दागी कम्पनी को ब्लैकलिस्ट करने से बिल्कुल परहेज नहीं किया। पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के हटने के बाद माना जा रहा है कि यूपी में अब गुजराती कंपनियों का दखल पहले जैसा नहीं रहेगा। नए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह इनके कामकाज पर विशेष निगाह रखेंगे।

अब दागी कम्पनी पर केंद्र का सीएसआईआर मेहरबान

सीएसआईआर में सेक्शन ऑफिसर और असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के पदों के लिए परीक्षा आयोजित कराने का जिम्मा भी उस गुजराती कम्पनी एडुटेस्ट के पास है। जो यूपी में सिपाही भर्ती पेपर लीक के संगीन आरोपों से घिरी है। दूसरे चरण की परीक्षा सात जुलाई को होगी। इस कंपनी द्वारा सीएसआईआर के लिए कराई पहले चरण की परीक्षा में धांधली की जांच दो राज्यों की पुलिस कर रही है। फिर भी दूसरे चरण की परीक्षा का जिम्मा एडुटेस्ट को सौंपा गया। पिछले साल आठ करोड़ का ठेका मिला था। हालांकि एसएससी ने कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के लिए सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर एडुटेस्ट को अयोग्य घोषित किया है।

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