बसपा की बैठक में खड़े दिखे पदाधिकारी, मायावती ने निकाय चुनाव में हार पर लगा दी सबकी क्लास
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में मिली जबरदस्त हार के बाद बसपा मुखिया मायावती ने राजधानी लखनऊ में प्रदेश कार्यालय में सभी छोटे बड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक की है।
Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में मिली जबरदस्त हार के बाद बसपा मुखिया मायावती ने राजधानी लखनऊ में प्रदेश कार्यालय में सभी छोटे बड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक की है। मायावती ने कहा कि ‘वोट हमारा राज-तुम्हारा नहीं चलेगा’ का अभियान गांव-गांव तेजी के साथ चलाया जाए। प्रदेश कमेटी और सभी 18 मंडलों में जिलों के पदाधिकारियों की बैठक लेते हुए बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में मिशनरी लक्ष्य के साथ लगन से जुट जाना है।
मायावती ने निकाय चुनाव की जिलेवार समीक्षा की और फीडबैक लेते हुए कहा कि चुनाव में भाजपाऔर सपा ने साम दाम दंड भेद जैसे घिनौने हथकंडे अपनाये। भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए दमन की कार्रवाई की। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत रही। यह लोकतंत्र एवं भविष्य के लिए बेहद दुखद है। इसका जवाब लोकसभा चुनाव में जनता देगी।
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि निकाय चुनाव में लोगों की आपसी गुटबाजी, रंजिश और मनमुटाव तथा चुनाव में टिकट नहीं मिल पाने आदि के कारण हालात थोड़े दिन अलग जरूर रहते हैं। इसे आगे ध्यान में रखकर संगठन को मजबूत किया जाए। मायावती ने कहा कि भाजपा चाहे जो भी दावा करे, लेकिन वास्तविकता यह है कि ओबीसी आरक्षण तथा महिला सीटों के आरक्षण समेत शुरू से लेकर अंत तक निकाय चुनाव को हर तरह से मैनेज व मैनिपुलेट किया गया। बावजूद इसके मेयर चुनाव को छोड़कर भाजपा की दाल लोगों ने बहुत ज्यादा नहीं गलने दी।
पदाधिकारियों से की आर्थिक मांग
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि मेयर का चुनाव भी यदि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से होता तो परिणाम कुछ और होते। मायावती ने कहा कि आगरा और सहारनपुर के मेयर चुनाव में बसपा को घिनौना षड्यंत्र करके हरा दिया गया। पार्टी कार्यकर्ता चुनावी खर्च के लिए पार्टी को आर्थिक रूप से मजबूत रखने को कभी ना भूलें।
मायावती की क्लास में खड़े रहे पदाधिकारी
हालांकि इन सब बातों से इतर एक बात की ज्यादा चर्चा ज्यादा हो रही है। दरअसल, इस बैठक में सिर्फ मायावती ही कुर्सी पर बैठी रहीं लेकिन बसपा के सभी पदाधिकारी उनके सामने खड़े नजर आये। मायावती की इस पाठशाला में बसपा मुखिया सिर्फ बोलती रहीं और पदाधिकारी लोग सिर्फ सुनते रहें हैं।
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