हुक्मरानों को अफसर दिखा रहे ठेंगा, बीजेपी विधायकों का छलका दर्द
Sandesh Wahak Digital Desk : इन दिनों यूपी की सियासत गर्मायी हुई है, वहीं यह गर्माहट विपक्षी पार्टी की नहीं बल्कि खुद सत्ता पक्ष की है। बता दें लखनऊ में भाजपा विधायकों के अपमान का मामला अब विधान परिषद तक पहुंच गया। जहां MLC विधायकों ने स्पीकर से विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है और अपने अपमान के कारण हुए दर्द को भी बताया है।
अफसर फ़ोन नहीं उठाते, सीएम के बगल में कुर्सी लगाकर खुद बैठ जाते
जहाँ बोलते हुए उन्होंने कहा कि गुरुवार को काकोरी ट्रेन एक्शन दिवस के कार्यक्रम में सीएम योगी के बगल में अफसर खुद बैठे जबकि विधायकों को दूसरी पंक्ति में कुर्सी मिली। वहीं इस मामले पर बोलते हुए शिक्षक विधायक ध्रुव त्रिपाठी ने विधान परिषद में कहा कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को पीछे की ओर बैठाया। यह विशेषाधिकार का हनन है, ऐसे अफसरों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही MLC उमेश द्विवेदी ने तो यहां तक कह दिया कि मैं इससे ज्यादा अपमानित कभी नहीं हुआ।
अगर यही स्थिति रहे तो हमें सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने से मना करवा दिया जाये। इस दौरान विधान परिषद में गुरुवार को बतौर नेता सदन डिप्टी सीएम केशव मौर्य मौजूद थे, वहीं कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, आशीष पटेल, पूर्व मंत्री अशोक कटारिया समेत कई माननीयों ने जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार हनन के मुद्दे का समर्थन किया। वहीं कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने भी मामले में खुलकर समर्थन दिया, जहाँ उन्होंने कहा कि या तो बुलाया न जाए और अगर बुलाया जाता है तो इस तरह से अपमानित न किया जाए।
वहीं संबंधित सभी अफसरों को विधान परिषद में बुलाकर उन पर कार्रवाई की जाए, इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने भी विशेषाधिकार हनन के मामले का समर्थन किया। वहीं पूर्व मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति के अपमान का मामला नहीं रह गया, यह सभी जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार हनन का मामला है।
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