Sandesh Wahak Digital Desk : ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Nomura ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2026 (FY26) में भारत की GDP ग्रोथ 6% तक सीमित रह सकती है, जो बाजार के अनुमान से कम है। रिपोर्ट में कहा गया कि अक्टूबर-दिसंबर 2024 (Q4 2024) में GDP ग्रोथ 6.2% दर्ज की गई, जो पिछली तिमाही के 5.6% से अधिक थी। हालांकि, यह वृद्धि मुख्य रूप से सरकारी खर्च और आयात में गिरावट के कारण हुई, जबकि प्राइवेट निवेश और उपभोक्ता खर्च कमजोर रहा।
अगली तिमाही का अनुमान
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2025 (Q1 2025) में GDP ग्रोथ 7.6% तक पहुंच सकती है। हालांकि, Nomura का मानना है कि यह थोड़ा अधिक आशावादी अनुमान है और असल ग्रोथ 6.5% के आसपास रह सकती है। वहीं, FY25 के लिए Nomura ने अपने पहले के 6% के अनुमान को बढ़ाकर 6.2% कर दिया है।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत
Nomura की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत अभी भी दिख रहे हैं।
- उपभोक्ता खर्च कम है, जिससे बाजार में मांग प्रभावित हो रही है।
- कंपनियों की बिक्री धीमी हो गई है, जिससे बिजनेस सेक्टर में नए निवेश की गति कमजोर पड़ी है।
- ब्याज दरें ऊंची होने के कारण कारोबारी और ग्राहक, दोनों पर असर पड़ रहा है।
- वैश्विक आर्थिक माहौल अनिश्चित बना हुआ है, और चीन से सस्ते आयात में बढ़ोतरी भारतीय उद्योगों को चुनौती दे सकती है।
कुछ सकारात्मक संकेत भी मौजूद
रिपोर्ट में कुछ सकारात्मक पहलुओं पर भी जोर दिया गया है:
- अच्छी मानसूनी बारिश और कम महंगाई दर ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ा सकती है, जिससे बाजार में सुधार संभव है।
- सरकारी नीतियां धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जा सकती हैं।
- भारत में सप्लाई चेन शिफ्ट होने और सर्विस एक्सपोर्ट बढ़ने से GDP ग्रोथ को समर्थन मिल सकता है।
RBI से ब्याज दर में कटौती की उम्मीद
Nomura का अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2025 के अंत तक ब्याज दरों में 0.75% (75 बेसिस पॉइंट) की कटौती कर सकता है, जिससे रेपो रेट 5.50% तक आ सकता है। यह बाजार के अनुमान (0.25% – 0.50%) से अधिक है। ब्याज दरों में कटौती से लोन सस्ते होंगे, जिससे उद्योगों और आम जनता को राहत मिल सकती है।