पुलिस कस्टडी में आरोपी की मौत, NHRC ने यूपी सरकार और DGP को दिया नोटिस
Sandesh Wahak Digital Desk : उत्तर प्रदेश के जालौन में कथित तौर पर पुलिस कस्टडी में थर्ड डिग्री के कारण एक शख्स की मौत के मामले का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लिया है. इस घटना पर NHRC ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) को नोटिस जारी किया है. NHRC ने एक बयान में कहा कि घटना को छिपाने के प्रयास में कुछ पुलिसकर्मियों ने मृतक के परिवार के सदस्यों को भी एक पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से हिरासत में लिया था.
एनएचआरसी ने जालौन की घटना का मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया है. रिपोर्ट में कहा गया कि जालौन के डकोर कोतवाली क्षेत्र में यातना के कारण पुलिस हिरासत में राजकुमार नाम के शख्स की मौत हो गई.
NHRC के बयान में कहा गया है कि जैसा कि 15 जुलाई को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर पीड़ित के शव को जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड के बाहर बिना बताए छोड़ गए और फिर मौके से भाग गए. रिपोर्ट की सामग्री यदि सच है तो पीड़ित और उसके परिवार के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. ऐसा प्रतीत होता है कि “पुलिसकर्मियों ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया”
बयान में आगे कहा गया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान एक जान चली गई और पीड़ित के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर उत्पीड़न और अवैध हिरासत का शिकार होना पड़ा, जो चिंता का विषय है. तदनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दो सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए नोटिस जारी किया है.
आयोग ने यह भी कहा कि जालौन पुलिस अधिकारियों ने 24 घंटे के भीतर पुलिस या न्यायिक हिरासत में मौत के बारे में उसके स्थायी दिशानिर्देशों के अनुसार उसे अभी तक कोई सूचना नहीं भेजी है. इसलिए, जालौन के पुलिस अधीक्षक को एक सप्ताह के भीतर यह बताने का निर्देश दिया गया है कि हिरासत में मौत के इस मामले की सूचना आयोग को 24 घंटे के भीतर क्यों नहीं दी गई.
कथित तौर पर मृतक के शरीर पर चोट के निशान थे जबकि पुलिस का दावा है कि हत्या के मामले में वांछित व्यक्ति बीमार था और बीमारी के कारण गिरफ्तारी के बाद पुलिस स्टेशन में उसकी मृत्यु हो गई. फिलहाल, जांच जारी है.