शिक्षा विभाग का नया कारनामा: प्रभारी प्रधानाचार्य कार्यरत फिर भी नए प्रिंसिपल कर दिए तैनात, लटका वेतन
Sandesh Wahak Digital Desk : माध्यमिक शिक्षा विभाग का नया कारनामा सामने आया है। विभाग ने उन सरकारी विद्यालयों में नए प्रधानाचार्यों की तैनाती कर दी, जहां पहले से ही प्रभारी प्रधानाचार्य कार्यरत थे। जबकि 100 से अधिक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद खाली पड़े हैं। वहीं प्रभारी प्रधानाचार्यों के समझ में नहीं आ रहा वह कहां जाए। विभाग से उन्हें कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। इससे करीब 67 प्रभारी प्रधानाचार्यो का वेतन भी फंस गया है। इसमें लखनऊ के छह प्रधानाचार्य शामिल हैं।
प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए नियुक्त पत्र
खाली पड़े पदों पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने हाईस्कूल के हेड मास्टर और इंटर के उप प्रधानाचार्यो को प्रमोशन कर प्रभारी प्रधानाचार्य की तैनाती दे दी। ये सभी प्रभारी प्रधानाचार्य पांच-पांच वर्ष से कार्यरत थे। इस बीच विभाग ने प्रधानाचार्यो की सीधे भर्ती की। इसमें 213 नए प्रधानाचार्य चुने गए। उन्हें प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नियुक्त पत्र दिए।
इसके बाद विभाग ने नए प्रधानाचार्यो को उन स्कूलों में कार्यभार ग्रहण करने के लिए भेजा, जहां पहले से ही प्रभारी प्रधानाचार्य कार्यरत थे। विभाग के अनुसार प्रदेश के करीब 12 सौ सरकारी स्कूलों में काफी स्कूलों में प्रभारी प्रधानाचार्य भी नहीं हैं। ऐसे में नए प्रधानाचार्यो को पहले खाली पदों पर भेजा जाना चाहिए थे, लेकिन विभाग ने ऐसा नहीं किया।
पहली पोस्टिंग के लिए मांगे विकल्प
शिक्षा विभाग ने नए प्रधानाचार्यों की नियुक्ति में खेल किया है। उसने पहली बार पोस्टिंग के लिए विकल्प मांगा। इन प्रधानाचार्यों की पहली पोस्टिंग के साथ ही काउंसिलिंग कराई गई है। इसमें उनसे पांच-पांच विकल्प मांग लिए गए। उनसे पूछा गया था कि उन्हें कहां पोस्टिंग चाहिए, जबकि, अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ। पहली पोस्टिंग पर प्रधानाचार्य को खाली पदों पर भेजा जाता है, जहां से वह अपने ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन, पहली बार नए नियुक्त प्रधानाचार्यो को उनकी मनमाफिक पोस्टिंग दी गई।
प्रतीक्षारत सूची में प्रभारी प्रधानाचार्यों को डाला
नए प्रधानाचार्यों की तैनाती होते ही प्रभारी प्रधानाचार्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। आश्चर्य की बात ये है कि विभाग ने प्रभारी प्रधानाचार्यों को दूसरे स्कूलों में भेजने की जगह प्रतीक्षारत सूची में डाल दिया। अब सभी प्रभारी प्रधानाचार्यों की समझ में नहीं आ रहा कि वे क्या करें? क्योंकि उनके मूल पद भी विभाग ने भर दिए। अब वह कहां जाएं? जब तक उन्हें नई तैनाती नहीं मिलती है तब तक उनको वेतन भी नहीं मिलेगा। ऐसे में कई प्रभारी प्रधानाचार्य तो जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में लग गए हैं, हालांकि इसके बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिलेगा।
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