New District in UP: यूपी में 76वां जिला बनाने की तैयारी, योगी सरकार ने शुरू की कवायद
New District in UP: यूपी में 76वां जिला बनाने की तैयारियां योगी सरकार ने शुरू कर दी है। इस नये जिले का नाम फरेंदा संभव हो सकता है। जो गोरखपुर और महाराजगंज की कुछ तहसील को मिलाकर बनाया जाएगा।
इसी इलाके से लोग होकर नेपाल में प्रवेश करते हैं। इससे थोड़ी ही दूर पर नेपाल का एक छोटा एयरपोर्ट है। सीएम योगी लंबे समय से इस क्षेत्र के विकास को लेकर इस जिले में तब्दील करना चाहते थे। सामरिक दृष्टि से भी यह कस्बा काफी महत्वपूर्ण है। इस इलाके में पाकिस्तान और चीन से गुप्तचर गतिविधियों की भी आशंका रहती है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह का यह राजनीतिक क्षेत्र है। जो कि फिलहाल यूपी की महाराजगंज तहसील में आता है। यहां विकास को बढ़ावा देने के लिए इसको जिला बनाए जाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश राजस्व आयुक्त की ओर से अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्म लाल वर्मा ने बताया कि महाराजगंज की फरेंदा और गोरखपुर की कैंपियरगंज तहसील को मिलाकर फरेंदा जिला बनाए जाने की तैयारी की जा रही है।
महाराजगंज के फरेंदा को आनंदनगर भी कहा जाता है। यह नगर पंचायत है। इस कारण यह तहसील का दर्जा भी रखता है। यह जिला नेपाल से सटा होने के कारण बेहद खास है। नेपाल से सटा होने के कारण यह कस्बा सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यहां एक रेलवे स्टेशन भी है। जिसे आनंदनगर जंक्शन के नाम से जाना जाता है। यहां से एक रेलवे लाइन नौतनवा भा जाती है। यहां से दिल्ली, जयपुर समेत कई बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन मिल जाती है।
हालांकि महाराजगंज जिला प्रशासन दर्ज करा चुका आपत्ति
महराजगंज जिला प्रशासन ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। वर्तमान में महराजगंज जिले में चार तहसीलें हैं। इनमें महराजगंज सदर, निचलौल, फरेंदा और नौतनवा शामिल हैं। अगर फरेंदा और नौतनवा को मिलाकर नया जनपद बना दिया जाता है। तो महराजगंज में केवल दो तहसीलें (महराजगंज सदर और निचलौल) बचेंगी जो शासन के मानक के अनुरूप नहीं है। शासन का मानक है कि किसी भी जिले में न्यूनतम तीन तहसीलें होनी जरूरी हैं।
महराजगंज जिला प्रशासन ने इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए शासन को अपनी आपत्ति भेजी है। अपर जिलाधिकारी डॉ. पंकज कुमार वर्मा ने कहा कि जिले का मानक तीन तहसीलों का होता है। यदि फरेंदा और नौतनवा को काटकर नया जनपद बनाया जाता है। तो महराजगंज का अनुपात बिगड़ जाएगा। इस कारण से महराजगंज प्रशासन ने नए जनपद के गठन पर पुनर्विचार की आवश्यकता जताई है।
उत्तर प्रदेश में 76 वें जिले के तौर पर फरेंदा को विकसित करने के मामले में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी का हमेशा से यह एक लक्ष्य रहा है की शक्ति का विकेंद्रीकरण किया जाए। छोटी इकाइयां होने से बेहतर विकास में मदद मिलती है। ऐसे में फरेंदा के विकास को गति देने के लिए यह प्रस्ताव अभी प्राथमिक स्तर पर है। इस तरह की रिपोर्ट अधिकारी देंगे उस पर फीजिबिलिटी को देखते हुए नए जिले के गठन किया जा सकता है।
यूपी के गठन के बाद बन चुके हैं कई नए जिले
जिस वक्त उत्तर प्रदेश का गठन हुआ था तब उत्तर प्रदेश में 65 के करीब जिले थे। इसके बाद में लगातार नए जिले विकसित किए जाते रहे। कानपुर यूपी उत्तर प्रदेश का कभी सबसे बड़ा जिला था आज भी है। उसको दो भागों में विभाजित किया गया था कानपुर नगर और कानपुर देहात। इसी के साथ कानपुर देहात से बाद में औरैया एक अलग जिला विकसित किया गया। ऐसे ही संतकबीर नगर, अमेठी, हापुड़, कुशीनगर, संभल ऐसे ही कई अन्य जिले विकसित किए गए।
संभल है यूपी का सबसे नया जिला
प्रदेश में कुल 75 जिले हैं। इनमें सबसे नवीनमत जिला संभल है। इसके अतिरिक्त यहां 826 सामुदायिक विकास खंड, 200 नगर पालिका परिषद्, 17 नगर निगम, 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, 546 नगर पंचायत और 75 जिला पंचायत मौजूद हैं। वहीं, ग्राम पंचायत की संख्या 58 हजार से अधिक हैं।
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