‘फार्मासिस्टों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं, जल्द मांगें पूरी करो’, एसोसिएशन ने दी सरकार को चेतावनी
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Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने शासन एवं महानिदेशालय के अधिकारियों की उदासीनता के चलते आंदोलन का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है। संगठन के अध्यक्ष संदीप बडोला और महामंत्री राजेंद्र कुमार सिंह पटेल ने बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि प्रदेश के फार्मासिस्टों की समस्याओं को लेकर कई बार मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण चिकित्सालयों में कार्यरत फार्मासिस्ट चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। संवर्ग की लंबित मांगों पर न ही कोई ठोस कार्रवाई हुई है और न ही शासन स्तर पर कोई द्विपक्षीय वार्ता आयोजित की गई है। इससे फार्मासिस्टों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
लंबित मांगें और समस्याएं
संगठन के अनुसार, फार्मासिस्टों की कई प्रमुख मांगें वर्षों से लंबित हैं। इनमें पदनाम परिवर्तन जैसी गैर-वित्तीय मांग भी शामिल है, जिसे मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की सहमति मिलने के बावजूद अब तक लागू नहीं किया गया। प्रदेश के 250 से 300 विधायकों एवं सांसदों ने भी पदनाम परिवर्तन के समर्थन में सरकार को पत्र लिखे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इसके अलावा, फार्मासिस्टों की वेतन उच्चीकरण, पद सृजन एवं वरिष्ठता सूची बनाए जाने जैसी मांगें भी वर्षों से अटकी पड़ी हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में 24 घंटे सेवाएं दी जाती हैं, लेकिन वहां मात्र दो फार्मासिस्ट तैनात हैं, जो अत्यधिक कार्यभार के बावजूद अपनी सेवाएं देने को विवश हैं।
पदोन्नति और आर्थिक नुकसान
संघ के अध्यक्ष संदीप बडोला ने बताया कि वर्ष 2005 के बाद नियुक्त फार्मासिस्टों की वरिष्ठता सूची पिछले 20 वर्षों में नहीं बनाई गई है। इसके चलते उच्च पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया भी रुकी हुई है। सरकार द्वारा कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाएं समय पर नहीं मिल रही हैं। 4 दिसंबर 2023 को तत्कालीन महानिदेशक द्वारा जारी आदेश के अनुसार, फार्मासिस्ट संवर्ग की एसीपी अनुमोदन की प्रक्रिया महानिदेशालय भेजने को कहा गया, जिससे यह प्रकरण लंबित हो गया और फार्मासिस्टों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
31 जनवरी को होगा आंदोलन
अधिकारियों की उदासीनता के चलते डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने आंदोलन का निर्णय लिया है। आंदोलन के चौथे चरण में प्रदेश भर के फार्मासिस्ट संवर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारी 31 जनवरी 2025 को लखनऊ स्थित महानिदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी।
इस प्रेसवार्ता में प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमेश मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष सालिगराम त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष अजय पांडे, संरक्षक आर. एन. डी. द्विवेदी, प्रवक्ता एस. एम. त्रिपाठी, कार्यालय सचिव शंकर पटेल, लखनऊ मंडल के अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी, मनमोहन मिश्रा एवं विवेक श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
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