18 जुलाई को दिल्ली में NDA का शक्ति प्रदर्शन! जेपी नड्डा के लेटर से बढ़ी सियासी हलचल
Sandesh Wahak Digital Desk : लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान सहित कई अन्य नये-पुराने सहयोगी दलों के नेताओं की 18 जुलाई को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक में शामिल होने की संभावना है।
केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने के विपक्ष के प्रयासों के बीच राजग की इस बैठक को सत्तारूढ़ गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन करने के रूप में देखा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय शुक्रवार रात चिराग से मिले। यह पिछले एक हफ्ते में दोनों नेताओं के बीच दूसरी मुलाकात थी। इसके अलावा, लोजपा (आर) ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा चिराग को लिखा गया पत्र साझा किया, जिसमें उन्हें राजग की बैठक में हिस्सा लेने का न्योता दिया गया है। पत्र में नड्डा ने लोजपा (आर) को राजग का एक प्रमुख घटक दल करार दिया। उन्होंने इस पार्टी को गरीबों के विकास एवं कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में एक प्रमुख भागीदार बताया।
बीजेपी अध्यक्ष ने लिखा पत्र
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा अध्यक्ष ने कई अन्य दलों के नेताओं को भी ऐसे पत्र लिखे हैं। इनमें वे दल भी शामिल हैं, जिन्हें भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपने साथ जोड़ने की कोशिशों में जुटी है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें नड्डा ने बैठक में आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखा है। मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने कहा कि वह 18 जुलाई को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। सुमन ने कहा कि उन्हें भी बैठक में शामिल होने का नड्डा से न्योता मिला है।
राजग की बैठक में भाजपा के कई नये सहयोगी दलों के हिस्सा लेने की संभावना है। जिनमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का अजित पवार नीत खेमा, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न छोटे दल और पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय दल शामिल हैं। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी उपस्थित रहने की उम्मीद है। बैठक को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन करने की राजग की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
पीएम मोदी बैठक में हो सकते हैं शामिल
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह पहली बार है, जब उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और जनता दल (यूनाइटेड) सहित कई पुराने और प्रमुख सहयोगियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ने के बाद इतने बड़े पैमाने पर राजग की बैठक हो रही है।
भाजपा ने हाल-फिलहाल में चिराग की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने की भी कोशिश की है। चिराग दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के बेटे हैं।
वह (चिराग) 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ प्रचार करने के लिए राजग से अलग हो गए थे। उस समय नीतीश का जनता दल (यूनाइटेड) राजग का हिस्सा था। चिराग से संपर्क बढ़ाने की भाजपा नेताओं की कोशिशों को उन्हें राजग में वापस लाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
चिराग भी प्रमुख मुद्दों पर कर रहे भाजपा का समर्थन
पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में लोजपा में हुई बगावत से चिराग कुछ कमजोर हुए थे, लेकिन वह पार्टी के वोट बैंक को अपने साथ बनाए रखने में सफल नजर आ रहे हैं, जिससे भाजपा को बिहार में उनकी अहमियत का एहसास हुआ है। उधर, चिराग भी प्रमुख मुद्दों पर भाजपा का समर्थन करते रहे हैं।
बैठक में कितने दल हिस्सा लेंगे, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि उनकी संख्या 14 से अधिक होगी। भाजपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नये साझेदारों से संपर्क साध रहा है जिससे इनकी संख्या में काफी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के भाजपा नीत मोर्चे में लौटने की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन इन दोनों दलों (शिअद और तेदेपा) ने इस तरह के किसी घटनाक्रम की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है।
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