नरगिस मोहम्मदी को मिला नोबेल शांति पुरस्कार, ईरान की जेल में हैं बंद

Nobel Peace Prize 2023: मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाली नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) को नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2023) मिला है. रिपोर्ट के अनुसार, नोबेल समिति ने कहा कि इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार उन सैकड़ों-हजारों लोगों को भी पहचान देता है, जिन्होंने महिलाओं को निशाना बनाने वाली भेदभाव और धार्मिक शासन की उत्पीड़क नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है.

नोबेल समिति का कहना है कि नरगिस ने महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए कई बार आवाज उठाई है. वो 13 बार गिरफ्तार हो चुकी हैं. समिति ने शांति पुरस्कार की घोषणा ईरान की महिलाओं के नारे जन-जिंदगी-आजादी के साथ की. नरगिस मोहम्मदी ऐसी 19वीं महिला हैं, जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिला है. नरगिस मोहम्मदी को जब शांति का पुरस्कार दिया जा रहा है, उस समय भी वह अभी जेल में हैं.

51 वर्षीय नरगिस मोहम्मदी ईरान की एवान जेल में कैद हैं. उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है. ईरान ने उनको सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

दरअसल, ईरान में सितंबर, 2022 में एक युवा कुर्दिश महिला महसा जिना अमीनी की ईरान की पुलिस की हिरासत के दौरान मौत हो गई थी. उनकी मौत के बाद पूरे ईरान में जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था. लोगों ने ईरान की सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था. उन्होंने महिलाओं को स्वतंत्रता देने की मांग की.

इस प्रदर्शन में लाखों की तादाद में ईरानी लोगों ने हिस्सा लिया था. इस पूरे प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं की आजादी का समर्थन किया और नरगिस मोहम्मदी के अभियान को अपना पूरा समर्थन दिया.

नरगिस मोहम्मदी पर ईरानी पुलिस ने ईरान सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया है. वह डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट सेंटर की उप प्रमुख हैं. यह एक गैर सरकारी संगठन है, जिसे शिरिन एबादी ने बनाया था. शिरिन को भी साल 2003 में नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है.

 

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