महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार के खिलाफ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की पहल, न्याय के लिए एकजुटता की अपील
Sandesh Wahak Digital Desk: बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने मानवता और लोकतांत्रिक मूल्यों को गहरी चोट पहुंचाई है। इन घटनाओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने न्याय की मांग और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने का निर्णय लिया है। मंच ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अन्याय पर अब चुप्पी नहीं साधी जाएगी।
मंच के संस्थापक और वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इंद्रेश कुमार के निर्देश पर 10 से 16 दिसंबर तक मानवाधिकार सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान, बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा, महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार, और धार्मिक स्थलों के विध्वंस जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और न्याय की मांग की जाएगी।
नुसरत जहां की अध्यक्षता में बैठक आयोजित
कार्यक्रम के तहत लखनऊ उच्च न्यायालय में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की राष्ट्रीय सह-संयोजिका और एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट नुसरत जहां की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। इसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई गई। मंच के वरिष्ठ सदस्यों, अधिवक्ताओं, और अन्य प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई।
बैठक में मंच के योग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. महबूब कुरैशी, केंद्रीय सदस्य तुषारकांत हिंदुस्थानी, एडवोकेट शहनाज फातिमा, कहकशा जैदी, अकशा अज़ीम, आयशा खान, बाजीहुल कमर सिद्दीकी, और मोहम्मद इमरान सहित कई प्रमुख अधिवक्ता उपस्थित रहे।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का संदेश
मंच ने कहा कि यह समय अन्याय के खिलाफ एकजुट होने और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का है। मंच अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों से भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील कर रहा है। मानवाधिकार सप्ताह के दौरान, विभिन्न कार्यक्रमों और बैठकों के माध्यम से इन घटनाओं के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
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