MP High Court: मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी, कोलकाता कांड से जुड़ा है मामला
Madhya Pradesh High Court: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कोलकाता के एक अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और उसकी हत्या तथा वहां तोड़फोड़ के विरोध में यहां के चिकित्सकों द्वारा 17 अगस्त को आहूत हड़ताल पर शुक्रवार को राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर उनसे 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सर्राफ की खंडपीठ ने नरसिंहपुर जिले के अंशुल तिवारी द्वारा हड़ताल को चुनौती देने वाली याचिका पर भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के डीन, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन और अन्य को नोटिस जारी किए। मामले की अगली सुनवाई कल होगी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की अपील पर आज (शनिवार 17 अगस्त) से 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल भी शुरू कर दी है। हालांकि आईएमए ने यह साफ किया है कि 24 घंटे तक चलने वाले विरोध-प्रदर्शन के दौरान सभी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी और घायलों की देखभाल की जाएगी। विरोध के दौरान डॉक्टर सिर्फ कोई नियमित ओपीडी और वैकल्पिक सर्जरी नहीं करेंगे। आईएमए ने केंद्र और राज्य सरकार के सामने अपनी पांच मांगे भी रखी हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये मांगें।
आईएमए की पांच प्रमुख मांगें
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रेजिडेंट डॉक्टरों के कामकाज और रहने की स्थिति में बड़े पैमाने पर बदलाव की मांग की है।
- इसमें 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट को कम करने और आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों की व्यवस्था करने को कहा गया है।
- आईएमए की दूसरी बड़ी मांग एक केंद्रीय अधिनियम की है।
- आईएमए का मानना है कि इस कदम से 25 राज्यों में मौजूदा कानून मजबूत होंगे।
- IMA की मांग है कि सभी अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
- हॉस्पिटल में सुरक्षा प्रोटोकॉल एयरपोर्ट की तरह ही हो।
- इसी कड़ी में अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकार के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए।
- अस्पताल सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं, अस्पतालों में तैनात सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।
- आईएमए ने पीड़ित परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा देने की भी मांग की है।