पैसे की कमी अब नहीं बनेगी कैंसर पीड़ित बच्चों के उपचार में बाधक
एनएचएम और कैनकिड्स संस्था के बीच साइन हुआ एमओयू
Sandesh Wahak Digital Desk : प्रदेश में अब कैंसर से जूझ रहे बच्चों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। बच्चों में कैंसर की पहचान के लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने से लेकर अस्पतालों में जांच दवाओं और इलाज के लिए कैनकिड्स संस्था मदद करेगी। इसके लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की उपस्थिति में एनएचएम की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय और कैनकिड संस्था की चेयरमैन डा. पूनम बगाई के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।
इस अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी शर्मा, चिकित्सा शिक्षा की महानिदेशक श्रुति सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डा. रेनू वर्मा, एसजीपीजीआई के निदेशक डा. आरके धीमान, लोहिया अस्पताल की निदेशक डा. सोनिया नित्यानंद समेत कैनकिड्स टीम के सदस्य मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में प्रति वर्ष 19 साल से कम उम्र के लगभग 14800 बच्चे कैंसर से पीड़ित होते हैं। यह पूरे देश के कैंसर पीड़ित बच्चों का 20 प्रतिशत एवं पूरे विश्व के कैंसर ग्रसित बच्चों का लगभग 4 प्रतिशत है। उन्होंने काह कि सरकार का उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि बच्चों में होने वाले कैंसर जैसे असाध्य रोग का प्रारंभिक अवस्था में ही निदान हो जाए और देखभाल की सर्वोत्तम सुविधा प्राप्त हो सके।
पीडियाट्रिक कैंसर को लेकर बनेगी पॉलिसी
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि कैनकिड्स संस्था प्रदेश में कैंसर की जांच व उपचार की सुविधा वाले सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की जिला अस्पतालों से मैपिंग करेगी, ताकि जिला अस्पताल से कैंसरपीड़ित बच्चे को सही सेंटर पर रेफर किया जा सके। एमओयू के अंतर्गत कैनकिड्स सरकार और सभी हितधारकों के साथ काम करेगी।
बच्चों में कैंसर के इलाज के लिए गैप होगा दूर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने कहा कि 0 से 19 साल तक के बच्चों में होने वाले कैंसर की पहचान के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत मोबाईल हेल्थ टीम एवं अन्य फील्ड स्टाफ से लेकर हर लेवल पर डाक्टरों की कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु ट्रेनिंग दी जाएगी। पीएचसी, सीएचसी, जिला चिकित्सालय आदि में बच्चों की स्क्रीनिंग पर मेडिकल कॉलेज और टर्शरी केयर सेंटर पर डायग्नोसिस एवं ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी।
टेस्टिंग, मेडिसिन और ट्रीटमेंट में मिलेगी मदद
कैनकिड्स की संस्थापक पूनम बगाई ने बताया कि बच्चों में कैंसर (पीडियाट्रिक कैंसर) के जल्दी पहचान और उपचार की सुविधाएं आसानी से मुहैया होंगी। इसके लिए कैंसर पीड़ित बच्चे के लिए हर स्तर पर इलाज में संस्था मदद करेगी। आयुष्मान योजना, आरबीएसके प्रोग्राम जैसी सरकारी योजनाओं से इलाज की व्यवस्था की जाएगी। यदि किसी पीड़ित बच्चे के लिए सरकारी अस्पतालों में और योजनाओं में व्यवस्था नही है तो संस्था अपने संसाधनों से व्यवस्था कराएगी।
एमओयू के मुख्य बिन्दु-
- बचपन में कैंसर के बारे में जागरुकता पैदा करना और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, नागरिकों और रोगी परिवारों को उचित स्वास्थ्य देखभाल संबंधी जानकारी प्रदान करना।
- बच्चों में होने वाले कैंसर के लिए चिकित्सकों, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, सहायता टीमों के साथ-साथ अभिभावकों को जागरुक कर क्षमतावर्धन करना।
- सरकार और अन्य कल्याणकारी योजनाओं, बीमा और अन्य वित्तपोषण योजनाओं के माध्यम से रोगी परिवारों के लिए सुविधाओं और सेवाओं का प्रावधान सुनिश्चित करना।
- गुणवत्ता उपचार देखभाल और अनुसंधान के माध्यम से स्वास्थ्य मानकों में सुधार लाना।