अफ्रीका में मंकीपॉक्स का कहर: एक सप्ताह में 1000 से ज्यादा नए मामले, जानें इसके लक्षण और मौतों का आंकड़ा
केपटाउन: अफ्रीकी देश कांगो में मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। पिछले एक सप्ताह में ही 1000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जिससे अफ्रीकी महाद्वीप पर इस वायरस के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। अफ्रीका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस संकट से निपटने के लिए तत्काल टीकों की मांग की है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले ही मंकीपॉक्स के प्रकोप को वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है।
मंकीपॉक्स वायरस उसी परिवार से संबंधित है जिससे चेचक का संक्रमण होता है, हालांकि इसके लक्षण हल्के होते हैं। इसमें बुखार, ठंड लगना, और शरीर में दर्द शामिल हैं। यह वायरस मुख्य रूप से त्वचा से त्वचा के संपर्क, विशेषकर यौन संबंधों के माध्यम से फैलता है। गंभीर मामलों में, संक्रमित व्यक्ति के चेहरे, हाथों, छाती और जननांगों पर फोड़े निकल सकते हैं।
मौतों का आंकड़ा और प्रभावित देश
अफ्रीका के 54 देशों में से 12 में मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन सबसे ज्यादा असर कांगो में देखने को मिल रहा है। अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Africa CDC) के अनुसार, 2024 में अब तक कांगो में 17,794 मामले दर्ज किए गए हैं, जो कुल मामलों का 94% हैं। इस साल मंकीपॉक्स से 541 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 535 मौतें अकेले कांगो में हुई हैं। हालांकि, ये आंकड़े वास्तविकता से कम हो सकते हैं, क्योंकि कांगो में संदिग्ध मामलों में से केवल 20% की ही जांच हो रही है।
सीमित संसाधन और टीकों की जरूरत
Africa CDC के महानिदेशक डॉ. जीन कासेया ने बताया कि कई अफ्रीकी देशों में निगरानी और परीक्षण की सुविधाएं सीमित हैं। इसी कारण संक्रमण पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो रहा है। WHO ने कांगो में मंकीपॉक्स के नए प्रकार की पहचान की है, जो तेजी से फैलने की क्षमता रखता है।
कांगो के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनके देश को इस प्रकोप से निपटने के लिए कम से कम 30 लाख टीकों की खुराक की आवश्यकता है, जबकि अन्य अफ्रीकी देशों में भी इसकी मांग बढ़ रही है। अफ्रीका CDC ने टीके की 215,000 खुराक का वादा किया है, जिसमें अमेरिका और जापान की ओर से दी गई 50,000 खुराक शामिल हैं। इसके बावजूद अफ्रीका में मंकीपॉक्स से निपटने के लिए अधिक टीकों की आवश्यकता है।