UP: सवालों में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच, गायत्री प्रजापति से जुड़ी बेनामी सम्पत्तियों पर ईडी मेहरबान
Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी में खनन घोटाले के जरिये की गयी मनी लॉन्ड्रिंग की ईडी जांच कटघरे के दायरे में आती नजर आ रही है। एजेंसी की पूर्व डिप्टी डायरेक्टर के ऊपर जहां गायत्री प्रजापति से मलाई खाने के आरोप लगे हैं, वहीं पूर्व खनन मंत्री के कुनबे से जुड़ी सम्पत्तियों को खंगालना ईडी अफसर मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। प्रजापति की विधायक पत्नी अब अंदरखाने से भाजपा के आगे पूरी तरह शरणागत हैं।
गायत्री प्रजापति के साथ गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए निलंबित लेखपाल अशोक तिवारी के सहारे भी खनन घोटाले की काली कमाई को खूब सफेद किया गया है। अमेठी के शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार सिंह के मुताबिक लेखपाल की बेटी दर्जनों बेनामी कंपनियों से जुड़ी है। जिसके सहारे काली कमाई सफेद हुई है। लेखपाल तिवारी के परिवार से जुड़ी सम्पत्तियों पर ईडी की नजरें टेढ़ी न होना निष्पक्ष जांच पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
मार्च में ईडी ने प्रजापति की जिस करीबी महिला मित्र गुड्डा देवी के ठिकानों पर छापेमारी करके दीवारों से भारी नकदी और बेहिसाब बेनामी सम्पत्तियों से जुड़े दस्तावेज पकड़े थे। उसको ईडी अफसर पूर्व में लगातार नजरअंदाज करते आये हैं। आरोपों के मुताबिक गुड्डा के पास तकरीबन 4200 करोड़ की बेनामी सम्पत्तियां होने के बावजूद इन्हे जब्त नहीं किया गया है।
ईडी ने प्रजापति की विधायक पत्नी महाराजी देवी, निलंबित लेखपाल अशोक तिवारी, दामाद आनन्द व गायत्री के दामाद अभिषेक मिश्रा, भांजे चन्दन प्रजापति, सी.ए. दीपक चौहान, ओम प्रकाश वर्मा को बख्श रखा है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गायत्री द्वारा बेशकीमती जमीने बेचे जाने की पूरी जानकारी ईडी को वर्षों से थी। अब ईडी मुख्यालय की विजिलेंस यूनिट सक्रिय होकर जांच में जुटी है।
ऐसी अनगिनत सम्पत्तियों से कनेक्शन की जांच नहीं
आरोपों के मुताबिक लखनऊ के चारबाग में एक होटल, पीजीआई स्थित कृष्णा लॉज, विधान सभा के पास 10/5 नंबर की कोठी, कानपुर का इंजीनियरिंग कॉलेज, बगल की 180 बीघा जमीन व अन्य 1500 बीघा जमीन, अमेठी में 260 बीघा जमीन, गया देई महाविद्यालय, अरबों की कोठियां विमल पैलेस, जायस का कोल्ड स्टोर, दिल्ली, नोएडा ग्रेटर नोएडा, होटल हयात में फ्रेंचाइजी, गाजियाबाद का शॉपिंग मॉल, पुणे, मुंबई कलकत्ता, व अमेठी में लेखपाल के शॉपिंग मॉल जैसी तमाम सम्पत्तियों की लम्बी फेहरिस्त है। जिसका कनेक्शन प्रजापति से जुड़े होने की शिकायतें एजेंसियों की फाइलों में जांच के इंतजार में धूल फांक रही हैं।
लोकायुक्त को सौंपे गए थे 1989 करोड़ की सम्पत्तियों के साक्ष्य
पूर्व लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा को गायत्री के खिलाफ 1750 पन्नों में 1989 करोड़ का कच्चा चिट्ठा वाद दाखिल करने वाले ओम शंकर द्विवेदी ने दिया था। बाद में शिकायतकर्ता ने वाद वापस ले लिया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान इन सम्पत्तियों की पड़ताल करना भी जरुरी नहीं समझा।
नए नहीं है ईडी अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
ईडी अफसरों पर बड़े घोटालों की जांचों से खिलवाड़ के आरोप नए कतई नहीं है। प्रजापति के मामले में पूर्व डिप्टी डायरेक्टर कटघरे में हैं। इससे पहले जून 2017 में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर एनबी सिंह को सीबीआई ने लाखों की घूसखोरी में रिटायरमेंट से एक दिन पहले गिरफ्तार किया था। इस अफसर के पास एनआरएचएम घोटाले से जुड़ी जांचें थी। संजय शेरपुरिया की जांच के दौरान एसटीएफ को ईडी की लखनऊ यूनिट के दो अफसरों की भूमिका बेहद संदिग्ध मिली थी। लेकिन जांच दफन करा दी गई।
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