मनी लॉन्ड्रिंग : चीनी मिल घोटाले में नौकरशाहों की बेनामी संपत्ति जब्त नहीं

Sandesh Wahak Digital Desk: 1100 करोड़ के चीनी मिल घोटाले की मनी लांड्रिंग जांच में प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) का दोहरा मापदंड फिर सुर्खियों में है।

Mayawati

एक दिन पहले ही घोटाले में पूर्व एमएलसी मो. इकबाल से जुडी हजार करोड़ की संपति ईडी ने जब्त की है। लेकिन घोटाले में फंसे नौकरशाहों की अकूत सम्पत्तियों पर ईडी मेहरबान है। बसपा सरकार के कार्यकाल में 21 चीनी मिलों को औने-पौने दामों में बेचकर घोटाले की कलंक कथा लिखने में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के सिपहसालार रहे कई आईएएस शामिल हैं। रिटायर होने के बावजूद सीबीआई से लेकर ईडी तक इनका बाल बांका भी नहीं कर पाई है।

50-50 लाख के चार बेन बरामद

सबसे पहला नाम मायावती के मिस्टर भरोसेमंद रहे पूर्व आईएएस नेतराम का है। अभी तक मायावती के तत्कालीन सचिव की एक भी बेनामी सम्पत्ति पर पीएमएलए एक्ट के तहत हाथ डालना जरुरी नहीं समझा गया। नेतराम के ठिकानों पर 2019 में जब आयकर ने छापेमारी की थी, तब करीब हजार करोड़ के काले साम्राज्य का खुलासा हुआ था। तकरीबन ढाई सौ करोड़ की 19 सम्पत्तियां आयकर विभाग ने जब्त की। लेकिन एक सेवारत अपर मुख्य सचिव को फंसता देख आयकर की कार्रवाई थम गयी। इसके बावजूद चीनी मिल घोटाले में ईडी ने नेतराम की बेनामी सम्पत्तियों को खंगालना मुनासिब नहीं समझा। पूर्व आईएएस के पास पचास-पचास लाख के चार पेन तक बरामद हुए।

नेतराम से लेकर विनय प्रिय दुबे समेत कई पूर्व आईएएस अफसरों पर ईडी मेहरबान

नेतराम के पास मुंबई, कोलकाता और दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में आलीशान मकान के साथ आयकर को 30 फर्जी कंपनियां मिली थी। जिसकी जांच ईडी ने नहीं की। चीनी मिल घोटाले में फंसे यूपी स्टेट शुगर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी विनय प्रिय दुबे के खिलाफ भी शिकंजा नहीं कसा गया। बारी अब भाजपा सरकार में नौकरशाही के मुखिया रहे एक और कद्दावर अफसर की है। जिसके खिलाफ सीबीआई ने चीनी मिल घोटाले में जांच आगे बढ़ाने की मंजूरी मांगी थी। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। लगता है अरबों के घोटाले में शामिल दागी नौकरशाहों के दबाव में ईडी है। तभी मनी लॉन्ड्रिग के तहत संपत्तियां नहीं जब्त हो रही हैं।

इकबाल के रिश्तेदारों की करोड़ों की सम्पत्तियां भी चिन्हित

ईडी पूर्व एमएलसी इकबाल पर अभी और शिकंजा कसेगी। तीन चीनी मिलों को कुर्क करने के बाद उसके कई सहयोगियों-रिश्तेदारों की करोड़ों की सम्पत्ति जब्त करने की कवायद शुरू की है। संपत्तियां चिन्हित हो चुकी हैं। खातों का इस्तेमाल अवैध धन संग्रह करने में हुआ है। इन खातों के लेन-देन का इस्तेमाल कई सम्पत्तियों को खरीदने में भी किया गया। ईडी को इनका ब्योरा मिल गया है। जल्द ही सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू होगी।

चीनी मिल संघ के पूर्व एमडी पर भी दरियादिली

उ.प्र.सहकारी चीनी मिल संघ लि. के पूर्व एमडी डॉ. बीके यादव के खिलाफ भी पूर्व में आय से अधिक सम्पत्ति मामले में सीबीआई ने अभियोजन स्वीकृति मांगी थी। यादव को पूर्व में केंद्रीय सहकारिता व किसान कल्याण विभाग का निदेशक बना दिया गया। सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने एसीएस गृह रहते सीएम के निर्देश पर 2017 में सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र से की थी। सीबीआई ने 2021 में जांच शुरू की।

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