Mission 24: पश्चिमी यूपी में सियासी डगर को मजबूत करने में जुटे Jayant
आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी (RLD chief Jayant Chowdhary) समरसता अभियान के सहारे पश्चिमी यूपी में अपनी जड़ें 2024 से पहले मजबूत करना चाहते हैं।
Sandesh Wahak Digital Desk: आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी (RLD chief Jayant Chowdhary) समरसता अभियान के सहारे पश्चिमी यूपी में अपनी जड़ें 2024 से पहले मजबूत करना चाहते हैं। 1500 गांवों का संकल्प लेकर निकले जयंत को लगता है कि ये अभियान उन्हें खोई जमीन फिर से हासिल करा सकता है। अकेले दम पर जयंत चौधरी पश्चिम के हर गांव तक पहुंचना चाह रहे हैं। बिना अखिलेश के इस मिशन पर निकले जयंत समरसता के सहारे दूर का निशाना लगा रहे हैं। हालांकि इसे लेकर अब भाजपा कई तरह के सवाल खड़े कर रही हैं।
पश्चिमी यूपी में अपनी सियासी डगर को आसान बनाने के लिए जयंत चौधरी ने समरसता अभियान की जो शुरुआत की, वो अब तक 140 गांवो का सफर पूरा कर चुकी है। गांव की गलियों और चौपालों से मिशन 2024 में जीत की बड़ी संभावना तलाश रहे जयंत चौधरी पश्चिमी यूपी में बड़े बदलाव की उम्मीद लेकर चल रहे हैं। अपने गठबंधन के सारथी सपा मुखिया अखिलेश यादव के बिना जयंत चौधरी अपने दमखम पर पश्चिमी यूपी की सियासी हवा बदलना चाहते हैं। एक तरफ भाजपा के विजय रथ को रोकना और दूसरी तरफ जरूरत पड़ी तो बिना गठबंधन के भी पश्चिम के मैदान में बड़ी मोर्चे बंदी की गुंजाइश तलाशने की कोशिश में जुटे हैं।
जाट-मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने में जुटे Jayant
जयंत चौधरी हर वर्ग की बात कर रहे हैं, उनका फोकस मुस्लिम वोटरों पर भी है। जयंत चौधरी जाट-मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने के बड़े मकसद से निकले हैं क्योंकि सपा से अलग होने पर मुस्लिमों को साथ जोड़े रखने की बड़ी चुनौती भी जयंत के सामने हो सकती है और ऐसे में समरसता अभियान सियासी ब्रह्मास्त्र का काम कर सकता है।
आरएलडी नेताओं का कहना है कि जहां चौधरी चरण सिंह और जहां चौधरी अजीत सिंह नहीं पहुंचे, वहां अब जयंत जा रहे हैं और बदलाव की कहानी लिख रहे हैं।
आरएलडी और सपा में खटास बरक़रार
निकाय चुनाव में आरएलडी और सपा में खटास (Sourness in RLD and SP) थी वो सबने देखी। चुनाव तो खत्म हो गया, लेकिन दिलों में खटास बरकरार है। एक तरफ इस खटास को 24 से पहले दूर करने को हर दांव चला जा रहा है तो अकेले चलने के रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं। हालांकि गठबंधन का भविष्य क्या होगा, इस पर कोई भी साफ बोलने से बच रहा है, लेकिन सपा नेता जयंत के समरसता अभियान की शान में कसीदे जरूर पढ़ रहे हैं। उन्हें लगता है कि जयंत का ये प्लान जितना आगे बढ़ेगा भाजपा उतनी कमजोर होती जाएगी।
पूरब में अखिलेश और पश्चिम में जयंत भाजपा को घेरेंगे और जयंत के अभियान से बीजेपी का जनाधार कम हो रहा है। आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी को समरसता अभियान के तहत 1500 गांव जाना है, ऐसे में कुछ हवा तो बदलेगी इस बात के संकेत भी मिल रहें हैं, हालांकि भाजपा ने रालोद के समरसता अभियान पर सवाल उठाए हैं।
पश्चिमी यूपी के इन गांवों से दिल्ली पर पैनी नजर रखने का संदेश
जयंत चौधरी का समरसता अभियान (Harmony campaign of Jayant Chaudhary) 140 गांवों का सफर तय करके 1500 गांवो के मिशन पर निकल पड़ा है, इन गांवों की परिक्रमा कर जयंत ये बड़ा संदेश जरूर देना चाहते हैं कि पश्चिमी यूपी के इन गांवों से दिल्ली पर पैनी नजर रखी जाएगी और इन गांवों से निकली बात दूर तलक जाएगी।
अब ये समरसता अभियान पश्चिमी यूपी में मिशन 2024 (Mission 2024 in Western UP) में आरएलडी और सपा को कितना फायदा दिला पाएगा और भाजपा को कितना मुश्किल में डाल पाएगा ये तस्वीर आने वाले वक्त में साफ हो जाएगी, लेकिन इतना जरूर है कि जयंत इस समरसता अभियान से बड़े बदलाव की उम्मीद जरूर लगाएं बैठे हैं।
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