मिशन 2027: प्रियंका गांधी को वायनाड भेजना कांग्रेस के लिए पड़ न जाए भारी
Sandesh Wahak Digital Desk: लड़की हूं, लड़ सकती हूं… दो साल पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने इस नारे की नींव रखी थी। वो लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुखरता से लड़ीं भी खूब। कांग्रेस के लिए जमीन तैयार करने के वास्ते मोदी से लेकर योगी समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं को करारा सियासी जवाब भी दिया।
अमेठी में किशोरी लाल शर्मा और रायबरेली में राहुल गांधी के प्रचार की कमान संभालते हुए ताबड़तोड़ झुलसती गर्मी में रिकॉर्ड तोड़ प्रचार किया। इसका नतीजा भी सामने आया और यूपी में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए सपा संग गठबंधन करके आधा दर्जन सीटें झटक लीं। इसके बाद बारी सबसे अहम यूपी के मिशन 2027 की थी। प्रियंका इस मिशन के लिए लड़तीं, उससे पहले ही मानो दक्षिण भारत फतह करने के दांव के बहाने उन्हें यूपी से ही किनारे लगा दिया गया।
किशोरी लाल के लिए प्रियंका गांधी ने किया था प्रदर्शन
दरअसल वायनाड उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रियंका की उम्मीदवारी का ऐलान करके यूपी के उन कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। जो प्रियंका के चलते दुगुने जोश से कांग्रेस के लिए कड़ी मेहनत में जुटे थे। प्रियंका को किनारे लगाने के संकेत तभी से लग गए थे जब कार्यकर्ताओं की लाख मिन्नतों के बावजूद उन्हें अमेठी से पार्टी उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया था। तब किशोरी लाल को जिताने के वास्ते प्रियंका ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया।
कांग्रेस के पास प्रियंका जैसा तेजतर्रार नेता फिलहाल कोई दूसरा नहीं है। 2027 में यूपी विधानसभा चुनाव होने हैं। जो लोकसभा चुनाव से बिल्कुल अलग मुद्दों पर लड़े जायेंगे। ऐसे में कांग्रेस की नई प्रदेश टीम को भी प्रियंका से बड़ी आस थी। कांग्रेस का कहना है कि वायनाड से प्रियंका के उतरने से गांधी परिवार का दखल दक्षिण में न सिर्फ बना रहेगा बल्कि कांग्रेस और मजबूत होगी।
जबकि हकीकत यही है कि यूपी में कांग्रेस को मजबूत किये बिना देश में कांग्रेस की गाड़ी कभी पटरी पर सरपट नहीं दौड़ेगी। राहुल से ज्यादा भीड़ और कार्यकर्ताओं का जोश प्रियंका की जनसभाओं में नजर आता है। फिलहाल यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में कांग्रेस को पुन: तैयार करना राहुल गांधी के लिए असली चुनौती है। समय भी तीन साल से कम बचा है।
राहुल का वायनाड से इस्तीफा, रायबरेली से बने रहेंगे सांसद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट अपने पास रखी है। लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बुलेटिन में कहा गया है कि उनका इस्तीफा 18 जून से स्वीकार कर लिया गया है। वायनाड सीट 18वीं लोकसभा में पहली ऐसी सीट होगी, जहां उपचुनाव कराया जायेगा।
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