मिशन 2024 : अपने ही दे रहे भाजपा को ‘दर्द’, सहयोगी दलों की कसौटी पर खरा उतरना टेढ़ी खीर

Sandesh Wahak Digital Desk : उत्तर प्रदेश में मिशन 80 के तहत लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा अपनी तैयारियों को और रफ्तार देने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई यूपी के सांसदों की मुलाकात के दौरान उन्हें विकास के कामों को जनता के बीच ले जाने का संदेश दिया गया है।

इसके इतर मिशन 2024 के एजेंडे के तहत उग्र हिन्दुवाद को लेकर भी भाजपा काफी मुखर नजर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही प्रदेश नेतृत्व से इन सांसदों का फीडबैक ले लिया था। सांसदों ने उन सहयोगी दलों की चाहतों के बारे में भी बताया है जो भाजपा से अधिक से अधिक सीटें चाहते हैं।

भूपेंद्र चौधरी ने पीएम मोदी को सौंपी सांसदों की गोपनीय रिपोर्ट

हाल ही में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने शीर्ष नेतृत्व से दिल्ली में मुलाकात के बाद उन्हें सांसदों के कामकाज पर एक गोपनीय रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके आधार पर एक तिहाई वर्तमान सांसदों का टिकट भी कटना तय है। इसकी चर्चा भी प्रधानमंत्री के साथ हुई एनडीए सांसदों की बैठक में की गयी है।

सुभासपा पर टिकीं अपना दल (एस) और निषाद पार्टी की निगाहें

भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस दौरान भूपेंद्र ने सहयोगी दलों की इच्छाओं की चर्चा दिल्ली दरबार से करते हुए सीटों पर मंथन किया था। सूत्रों के मुताबिक सहयोगी दलों की नजरें एक दूसरे को मिल रही तव्वजो और सीटों पर टिकी हैं। खासतौर पर ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा पर अपना दल (एस) और निषाद पार्टी की निगाहें जमीं हैं। पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान, साहब सिंह सैनी, पूर्व सांसद राजपाल सैनी सहित कइयों को भाजपा में शामिल किया जा चुका है। नतीजतन सहयोगी दलों की अपेक्षाएं भी लगातार बढ़ रही हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 62 और सहयोगी अपना दल (एस) ने दो सीटें जीती थीं। राजभर के आने के बाद से संजय निषाद ने दबाव बनाने की कवायद तेज कर दी है। बीते दिनों 37 लोकसभा सीटों पर पार्टी की तैयारी जैसे बयान भी वे दे चुके हैं। ओमप्रकाश राजभर भाजपा के साथ आने के बाद इन दिनों अपने स्वभाव के विपरीत थोड़ा तोल-मोलकर बोल रहे हैं।

अपना दल (एस) को ज्यादा सीटों की चाह

हालांकि उन्होंने तीन लोकसभा सीटों की मांग रखे जाने की बात कही थी। हालांकि उन्हें एक से दो सीट ही मिलने की उम्मीद है। अनुप्रिया पटेल का अपना दल भी इस बार सबसे पुराने सहयोगी होने की दुहाई देकर ज्यादा सीटें चाहता है।

2014 में जब पार्टी का सिर्फ एक विधायक था, तब उसे प्रतापगढ़ व मिर्जापुर दो लोकसभा सीटें मिली थीं। अनुप्रिया मिर्जापुर से लडक़र सांसद बनी थीं। 2019 में उसके नौ विधायक थे, तब भी उसे सोनभद्र व मिर्जापुर दो ही सीट मिलीं। अब उसके विधायकों की संख्या 13 पहुंच गई है और वो विधानसभा में तीसरा सबसे बड़ा दल है। इसलिए अपना दल की इच्छा भी तेजी से बढ़ी है।

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