मिशन 2024 : समधियाने से ज्यादा कांग्रेस को तवज्जो दे रहे लालू यादव

अखिलेश और कांग्रेस के बीच उलझते सियासी रिश्तों की डोर को सुलझाने में लालू यादव की दिलचस्पी नहीं

Sandesh Wahak Digital Desk : कांग्रेस बहुत चालू है, हमें धोखा दिया, कांग्रेस को कभी वोट मत करना, कांग्रेस और भाजपा कभी पिछड़े, दलितों और आदिवासियों के पक्ष में नहीं रहे, ये कड़वे सियासी बोल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के हैं। जिसके बाद कम से कम यूपी में विपक्ष के इण्डिया गठबंधन की नींव मानो दरकनी शुरू हो गयी है।

यूपी में सपा और कांग्रेस के बिगड़ते रिश्तों की उलझती डोर को सुलझाने में दिलचस्पी आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की भी नहीं है। सियासी गलियारों में इसे आरजेडी और सपा के रिश्तों में आयी खटास या कांग्रेस से राजनीतिक करीबियों के तौर पर भी देखा जा रहा है।

इससे पहले पोस्टर को लेकर छिड़ा था विवाद

ये हाल तब है जब समाजवादी विचारधारा पर चलने वाले दोनों दलों के मुखिया आपस में करीबी रिश्तेदार भी हैं। कुछ समय पहले तेजस्वी ने अखिलेश को प्रधानमंत्री पद का भावी उम्मीदवार बताने वाले पोस्टर पर अलग ही टिप्पणी की थी।

मुलायम के गुजरने के बाद आरजेडी और सपा के बीच सियासी रिश्ते जितने सहज दिखाए जा रहे हैं, उतने हैं नहीं। ऐसे संकेत आरजेडी मुखिया लालू यादव ने दिए हैं। एक उदाहरण से इसको समझिये। दरअसल जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश और कांग्रेस के बीच खटास आने पर लालू तत्काल हस्तक्षेप करते हैं।

हाल ही में एक कार्यक्रम में पांच राज्यों के चुनाव के चलते कांग्रेस पर विपक्षी एकता के मामले में ध्यान नहीं देने के नीतीश के आरोप के बाद लालू और तेजस्वी मानो कांग्रेस के दूत बनकर तत्काल पहुंचे थे। लेकिन लालू ने अपने समधियाने यानि सपा के सुप्रीमो अखिलेश यादव से कांग्रेस से बिगड़ते रिश्तों के मामले में मानो पूरी तरह से दूरी बनाना ही मुनासिब समझा।

लालू का अखिलेश के पक्ष में आवाज़ न उठाना कांग्रेस को अपने समधियाने से भी ज्यादा तवज्जो देना दिखाता है। सियासी जानकारी इसके तमाम निहितार्थ तलाश रहे हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने अगर इण्डिया गठबंधन के साथी दलों पर तनिक भी दबाव बनाया तो अखिलेश के तेवरों का तब इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा सोचना लालू का है।

टीम इंडिया को बधाई के बहाने अखिलेश का सियासी संदेश

रविवार को क्रिकेट विश्वकप में साऊथ अफ्रीका को भारत ने करारी शिकस्त दी है। जिसको लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर बधाई के बहाने इण्डिया गठबंधन को नसीहत भी दे डाली। अखिलेश ने कहा कि इण्डिया की जीत का सिलसिला यूं ही जारी रहे। टीम इण्डिया की मजबूती में ही उसकी जीत का राज है। ये रणनीति की जीत है। अखिलेश के इन शब्दों के सियासी निहितार्थ मिशन 2024 के लिए भाजपा से लड़ने के खातिर कांग्रेस और इण्डिया गठबंधन के साथियों को एकता का पाठ सिखाने के तौर पर देखे जा रहे हैं।

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