प्रदेश की वन ट्रिलियन इकोनामी में खनन का भी होगा सहयोग: रोशन जैकब
डा. जैकब ने कहा कि ओवरलोडिंग और अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा रहा है और इसके लिए विभागीय अधिकारी, खनन हितधारक (स्टेट होल्डर), पट्टाधारक, और खनन कारोबारियों को मिलकर और आपस में समन्वय व तारतम्य बनाकर कार्य करना होगा।
Sandesh Wahak Digital Desk: भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि योजनाबद्ध प्रयासों से प्रदेश में खनन संबंधी कार्यों में आई पारदर्शिता आई है। खनन से अधिक से अधिक राजस्व बढ़ाने की सतत् रूप से कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में खनन विभाग भी अपना अच्छा योगदान दे, इसके लिए विभाग अभिनव प्रयास कर रहा है। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत खनन कारोबार को बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को उप खनिजों की उपलब्धता उचित दरों पर और आसानी से उपलब्ध कराना विभाग का मुख्य उद्देश्य है।
डा. जैकब ने कहा कि ओवरलोडिंग और अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा रहा है और इसके लिए विभागीय अधिकारी, खनन हितधारक (स्टेट होल्डर), पट्टाधारक, और खनन कारोबारियों को मिलकर और आपस में समन्वय व तारतम्य बनाकर कार्य करना होगा। खनन कार्यों पर विभाग पैनी नजर रख रहा है। अवैध खनन परिवहन पर नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम व तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है।
डा रोशन जैकब गत दिवस खनन कार्यों को बढ़ावा देने तथा उनकी पर्याप्त उपलब्धता उचित दरों पर सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से खनन निदेशालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से खान अधिकारी/ खान निरीक्षक के अलावा बड़ी संख्या में स्टेकहोल्डर्स, खनन कारोबारी मौजूद रहे। कई राज्यों के खनन कारोबारी भी इस मीटिंग में वर्चुअल रूप से जुड़े रहे। जैकब ने कहा कि हमें खनन कार्यों को बढ़ावा भी देना है और इससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराना है।
कारोबारियों ने दिए सुझाव
स्टेकहोल्डर्स ने सुझाव दिया कि खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों की भार वहन क्षमता एक समान निर्धारित की जाए, खनिजों की वार्षिक रायल्टी प्रतिवर्ष 10 फीसदी बढ़ जाती है, जिससे समाप्त किया जाए। खनन पट्टा समर्पण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी किये जाने एवं सिक्योरिटी धनराशि को वापस किए जाने के लिए समय निर्धारित किए जाने का सुझाव दिया। स्टेकहोल्डर्स ने भंडारण की अवधि को बढ़ाने व छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए नदी तल में उपलब्ध बालू, मोरम के बड़े खनन पट्टों के स्थान पर मध्यम /छोटे खनन पट्टे एवं उनकी अवधि पांच वर्ष के स्थान पर तीन वर्ष किए जाने का सुझाव दिया।
यमुना नदी में खनिजों की उपलब्धता का होगा सर्वे
डा रोशन जैकब ने निर्देश दिए कि यमुना नदी में खनिजों की उपलब्धता के सम्बन्ध में रजिस्टर्ड एजेन्सियों से सर्वे कराकर सर्वे रिपोर्ट प्राप्त कर, खनन पट्टों के व्यवस्थापन की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। कहा कि खनिजों के भंडारण की अवधि तीन वर्ष है, जिसे तीन श्रेणियों जैसे-3 वर्ष-5 वर्ष एवं 10 वर्ष किए जाने के लिए मुख्यालय स्तर से प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाय। यह भी निर्देश दिए कि नदी तल में उपलब्ध बालू अथवा मौरम के खनन पट्टों की अवधि पांच वर्ष के स्थान पर 2-3 वर्ष किये जाने हेतु नीति में संशोधन विषयक प्रस्ताव तैयार कराया जाय।
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