Milkipur By Election: …तो मिल्कीपुर की चुनावी ‘पिच’ पर ‘बल्लेबाजी’ करेंगे पंडित जी
Sandesh Wahak Digital Desk Prem Kishore Tiwari: यूपी में अयोध्या और अयोध्या में मिल्कीपुर विस सीट का उपचुनाव खास न होता तो सबके साथ के बजाय सबसे बाद में न होता। यही वजह है कि सपा व भाजपा दोनों दलों का फोकस दलित और उसमें भी उपजाति पासी समाज पर है।
पासी मतों को अधिकाधिक पाने की लालच में सपा व भाजपा ने इसी समुदाय के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। वहीं इस आरक्षित सीट का एक सच यह भी है कि पासी समाज से ज्यादा मत ब्राह्मणों के हैं। इस समाज के 60 हजार वोटर हैं। पासी समाज के बंटने पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में साफ नजर आ रहे हैं। इन पर जीत का दारोमदार टिकता नजर आ रहा है।
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में ठाकुर समाज के लोगों की संख्या 25 हजार है। माना जा रहा है कि ठाकुर समाज का वोट भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाएगा। वहीं ब्राह्मण मतदाता सपा और भाजपा दोनों में से किसी के वोट बैंक का हिस्सा नहीं हैं। सपा प्रत्याशी अजित प्रसाद और भारतीय जनता पार्टी के चन्द्रभानु पासवान के अलावा आजाद समाज पार्टी (कांसीराम) ने संतोष कुमार उर्फ सूरज चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है।
राजनीति के धुरंधरों से दो-दो हाथ करने को तैयार
उधर मौलिक अधिकार पार्टी से राम नरेश चौधरी भी इस बार दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। निर्दलीय उम्मीदवार भोलानाथ, अरविंद कुमार, वेद प्रकाश और संजय पासी सपा-भाजपा की जातीय गणित बिगाडऩे में लगे हैं। इस उपचुनाव में दो महिला प्रत्याशियों ने भी नामांकन कराया है और वो इस बार राजनीति के धुरंधरों से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। राष्ट्रीय जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) की सुनीता व कंचनलता निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर जातीय समीकरण और व्यक्तिगत वोट बैंक का असर पूर्व के चुनावों में देखने को मिला है।
यह निर्दलीय प्रत्याशी किसी को कम तो किसी को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। बसपा प्रत्याशी न होने से कोरी व अन्य दलित वर्ग के मत बिखर कर इधर-उधर जा सकते हैं। इन्हें अपने पाले में लाने की चुनौती सपा व भाजपा दोनों के समक्ष है।
पासी समाज से परे दलित समाज के अन्य 25,000 मतदाता, कोरी समाज के 20,000, चौरसिया समाज के 18,000, वैश्य समाज के 12,000, पाल समाज के 7,000 और मौर्य समाज के 5,000 वोट सपा प्रत्याशी अजित प्रसाद, भाजपा प्रत्याशी चन्द्रभान पासवान और आजाद समाज पार्टी के संतोष कुमार उर्फ सूरज चौधरी के बीच बंट सकता है।
यादव समाज के 55,000, पासी समाज के 55,000 और मुस्लिम समाज के 30,000 वोट समाजवादी पार्टी के वोट बैंक माने जाते हैं। समाजवादी पार्टी पासी समाज के अतिरिक्त दलित वर्ग के अन्य मतदाताओं को भी साधने की कोशिश करेगी। वहीं भाजपा के चन्द्रभान पासवान का निशाना भी यही जातियां हैं।
भाजपा को हर बार ढाई दशक का ‘वनवास’
1967 में गठित मिल्कीपुर विधान सभा सीट का इतिहास यही रहा कि 1969 में जनसंघ के हरिहरनाथ तिवारी, फिर 24 साल बाद 1991 में भाजपा के मथुरा प्रसाद तिवारी व 2017 में बाबा गोरखनाथ ने यहां प्रचंड लहर में भगवा लहराया। उपचुनाव का इतिहास देखें तो यहां कभी भाजपा नहीं जीती।
- कुल मतदाता : 3,70,829
- पुरुष वोटर्स : 1,92,984
- महिला वोटर्स: 1,77,838
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