Milkipur By Election: सीएम योगी ने दलितों को तो दृष्टांतों से साधा, ब्राह्मण-क्षत्रिय अनछुए पहलू
Sandesh Wahak Digital Desk/Prem Kishore Tiwari: फैजाबाद संसदीय सीट की पराजय का प्रतिकार लेने का संकल्प भाजपा को अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट में पूरा होता दिख रहा है इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी चिरपरिचित हुंकार से कुछ अलग हटकर मिल्कीपुर क्षेत्र की सभा में बोलते नजर आए। अपनी हुंकार का असर जानने के लिए उन्होंने जनसभा में आए लोगों से हुंकारी भरवा कर भी देखी। योगी ने अपने भाषण में दलितों को तो उदाहरण के साथ बहुत कुछ बताया-समझाया, लेकिन ब्राह्मणों और क्षत्रियों के प्रति प्रेम की अभिव्यक्ति नहीं कर सके।
संभव है कि योगी के चुनावी रणनीतिकार व स्थानीय नेताओं ने उन्हें बता दिया हो कि राजपूत हमारे साथ चल रहे हैं। ब्राह्मण सनातनी होने के नाते आस्था के बयार में बह जाएंगे। यादव मतों पर सपा का चश्मा चढ़ा है। मुस्लिम शुरू से भाजपा विरोधी है। अब बड़ी आबादी दलितों की बची है, जो एकमुश्त झोली में गिर जाएं तो बात बन जाए। शायद यही सब सीएम योगी के भाषण का लब्बोलुबाब बन गया। आत्मविश्वास से लबरेज होने के बावजूद योगी सपा पर आरोपों की बौछार कर लोगों को यह बताते रहे कि भाजपा क्यों जरूरी है।
जातीय एकता का संदेश
वहीं जय श्री राम व अन्य देवताओं के जयघोष से हिंदुत्ववादी माहौल बनने के बाद सीएम योगी जब बोले तो अयोध्या और सरयू के साथ महाकुंभ को सामने रखकर सपा पर हमलावर हुए। अबकी बार योगी ने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा बुलंद करने के बजाय सोची-समझी रणनीति के तहत जातीय एकता का संदेश दिया, जो हिंदुओं को भाजपा के सूत्र में पिरोने का रहा। वहीं दलित कन्या के साथ दुष्कर्म के आरोप में फंसे मुइन खान का सपा व प्रत्याशी के पिता सांसद अवधेश प्रसाद से जुड़ाव का जिक्र कर वर्ग विशेष का आक्रोश बढ़ाने से नहीं चूके। मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार के दलित प्रेम के कई उदाहरण भी प्रस्तुत किए। कन्नौज के मेडिकल कालेज डा. आंबेडकर व अयोध्या के एयरपोर्ट का महर्षि वाल्मीकि के नाम पर नामकरण के निर्णय पर सपा के विरोध व भाजपा के समर्पण का भाव दर्शाया।
चुनावी भाषणों में कानून-व्यवस्था का जिक्र
यही नहीं पीएसी की तीन महिला बटालियन का नाम वीरांगना उमा देवी, अवंतीबाई व झलकारी बाई पर नाम रखने सहित कई फैसलों को दलित प्रेम के उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। सीएम योगी के स्मृति पटल में 60 हजार ब्राह्मण मतदाता नहीं आए। यह भाजपा के उन रणनीतिकारों की कमी का वह हिस्सा है, जो सिर्फ दलितों के वोट से ही चुनावी समर फतह करने का विश्वास कर बैठे हैं। जबकि दलित मतदाता मुख्य मुकाबले के प्रत्याशियों में बंटता सबको नजर आ रहा है।
कानून-व्यवस्था का जिक्र कर उन्होंने अपने सरकार के तेवर बताए तो जीतने पर मिल्कीपुर का विकास अयोध्या की तर्ज पर कराने का भरोसा भी दिला गए। हालांकि 24 जनवरी अर्थात आज के अंक में प्रथम पृष्ठ पर ‘संदेश वाहक’ ने अयोध्या की तर्ज पर मिल्कीपुर के विकास के फॉर्मूले को सीएम के कथन से पहले ही प्रमुख रूप से प्रकाशित किया है। इसके नेपथ्य में भाजपा व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वह नेता है जो ग्राउंड लेबल पर मतदाताओं को विश्वास दिलाते घूम रहे हैं।
योगी और शंकराचार्य के कथन अलग-अलग
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने कारसेवकों पर गोली चलवाई जबकि ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने वायरल हो रहे मीडिया के साक्षात्कार में साफ कहा कि एक प्रमुख सचिव ने कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। उस अधिकारी को ही जब राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया तो बहुत अखरा था।
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