यूपी निकाय चुनाव नतीजों पर मायावती की पहली प्रतिक्रिया, बीजेपी सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
Sandesh Wahak Digital Desk : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने नगर निकाय चुनावों के परिणामों पर असंतोष जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी धांधली से अधिकतर सीट जाती है और इस बार भी चुनाव में ऐसा ही हुआ है।
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बसपा चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर भाजपा को इसका जवाब जरूर मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में शनिवार को हुई मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के सभी 17 नगर निगमों के महापौर पद पर एकतरफा जीत हासिल की है। किसी भी विपक्षी दल को महापौर सीट पर जीत नहीं मिली। नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भी भाजपा का दबदबा रहा।
1. यूपी निकाय चुनाव में भाजपा के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों के इस्तेमाल के साथ ही साथ इनके द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बीएसपी चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर इसका जवाब बीजेपी को ज़रूर मिलेगा।
— Mayawati (@Mayawati) May 14, 2023
बीजेपी पर मायावती ने बोला हमला
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में भाजपा के साम, दाम, दंड, भेद आदि अनेक हथकंडों के इस्तेमाल के साथ ही साथ इनके द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बसपा चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर इसका जवाब भाजपा को जरूर मिलेगा’।
नगर निगमों में मतपत्र से मतदान की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘साथ ही, तमाम विपरीत हालात का सामना करते हुए बसपा पर भरोसा करके पार्टी उम्मीदवारों को वोट करने के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया। अगर यह चुनाव भी मुक्त एवं निष्पक्ष होता तो नतीजों की तस्वीर कुछ और होती। मतपत्र से चुनाव होने पर बसपा महापौर चुनाव भी जरूर जीतती।’’
3. वैसे चाहे भाजपा हो या सपा दोनों ही पार्टियाँ सत्ता का दुरुपयोग करके ऐसे चुनाव जीतने में एक-दूसरे से कम नहीं हैं, जिस कारण सत्ताधारी पार्टी ही धांधली से अधिकतर सीट जीत जाती है और इस बार भी इस चुनाव में ऐसा ही हुआ, यह अति-चिन्तनीय।
— Mayawati (@Mayawati) May 14, 2023
मायावती ने भाजपा के साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी निशाना साधते हुए अगले ट्वीट में कहा, ‘वैसे चाहे भाजपा हो या सपा दोनों ही पार्टियां सत्ता का दुरुपयोग करके ऐसे चुनाव जीतने में एक-दूसरे से कम नहीं हैं, जिस कारण सत्ताधारी पार्टी ही धांधली से अधिकतर सीट जीत जाती है और इस बार भी इस चुनाव में ऐसा ही हुआ, यह अति-चिन्तनीय है’।
अलीगढ़ और मेरठ में बसपा के उम्मीदवारों को मिली जीत
वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में महापौर की 16 सीटों में 14 पर भाजपा और अलीगढ़ तथा मेरठ में बसपा के उम्मीदवारों को जीत मिली थी। इस बार मेरठ में भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अनस को पराजित किया। सपा की सीमा प्रधान तीसरे स्थान पर रहीं जबकि बसपा इस बार चौथे स्थान पर रही।
पिछले महापौर चुनाव में बसपा द्वारा जीते गए अलीगढ़ में भाजपा के प्रशांत सिंघल ने सपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जमीर उल्लाह खान को हरा दिया। यहां बसपा के सलमान शाहिद तीसरे स्थान पर रहे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘सबसे बड़ी जीत’’ के बाद राज्य में ‘‘ट्रिपल इंजन की सरकार’’ बनाने के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश की जनता का आभार जताते हुए कहा था कि 17 नगर निगमों में पहली बार भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ विजय प्राप्त करने में सफल रही।
2017 की अपेक्षा ढाई गुना सीटें भाजपा ने हासिल की
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 200 नगर पालिका परिषदों में 199 में चुनाव हुए हैं और 2017 में भाजपा ने 60 नगर पालिकाओं में विजय प्राप्त की थी और इस वर्ष भाजपा ने नगर पालिका परिषदों में 2017 के मुकाबले दोगुना से अधिक सीटें प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि 545 नगर पंचायतों में भाजपा ने इस बार अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है और 2017 की अपेक्षा ढाई गुना सीटें भाजपा ने हासिल की हैं।
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अनुसार उप्र के 17 नगर निगमों में 17 सीटों के चुनाव परिणाम शनिवार को घोषित कर दिये गये और इनमें सभी पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार महापौर चुने गये हैं।
आयोग ने बताया कि भाजपा को अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के अलावा अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज, गाजियाबाद, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद नगर निगमों में भी महापौर पद पर जीत मिली है। उप्र में नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में दो चरणों में चार मई और 11 मई को मतदान हुआ और 13 मई को इन चुनावों के परिणाम घोषित किये गये।
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