UP Politics: मायावती बोलीं- लोकसभा-विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी BSP, किसी से गठबंधन नहीं
Sandesh Wahak Digital Desk : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत चार राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव और अगला लोकसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने का ऐलान किया।
1. एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
मायावती ने ट्विटर पर किए गए सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, “एनडीए (भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और इण्डिया (विपक्षी दलों का गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बसपा अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।”
2. बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनकेे गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियाँ न फैलाए।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, “बसपा, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन् 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा चुनाव तथा चार राज्यों में विधानसभा चुनाव लडे़गी।” मायावती ने आगे कहा, “वैसे तो बसपा से गठबंधन के लिए यहाँ सभी आतुर हैं लेकिन ऐसा न करने पर विपक्षी दलों द्वारा खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत के आरोप लगाये जाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर, न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित है और अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसा है।”
इमराम मसूद पर जनता कैसे भरोसा करे- मायावती
मायावती ने इसी सिलसिले में किए गए एक और पोस्ट में मंगलवार को बसपा से निष्कासित किए गए पूर्व विधायक इमरान मसूद की तरफ इशारा करते हुए कहा, “बसपा से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं। जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?”
गौरतलब है कि भाजपा नीत राजग को आगामी लोकसभा चुनाव में पराजित करने के लिए कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ नाम से गठबंधन बनाया है। मायावती ने शुरू से ही इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।
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