UP: दो मुख्यमंत्रियों के दखल पर करोड़ों के फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
Sandesh Wahak Digital Desk/ Manish Srivastava: मुख्यमंत्री योगी की मंशा भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की है। इसके बावजूद करोड़ों के घोटालों में फंसे आरोपियों की गिरफ्तारी में वर्षों लग रहे हैं। ये हाल उस लखनऊ का है, जहां न सिर्फ खुद सूबे के मुखिया समेत आला अफसर बैठते हैं बल्कि पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था के तहत डेढ़ दर्जन आईपीएस को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। मामला यूपी मेडिकल कार्पोरेशन के नाम पर कोरोनाकाल के दौरान मास्क और पीपीई किट फर्जीवाड़े का है।
फैसल वारसी के कई सपा नेताओं से संबंध, लापरवाही पर विवेचना अधिकारी नपे
जिसका खुलासा ‘संदेश वाहक’ ने 8 मार्च 2021 को किया था। सोमवार को इस फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी फैसल वारसी पुलिस की गिरफ्त में आया है। वारसी के सपा के बड़े नेताओं से करीबी रिश्ते हैं। माना जा रहा है कि दो मुख्यमंत्रियों के हस्तक्षेप के बाद लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के बड़े अफसर न सिर्फ सक्रिय हुए बल्कि विवेचना में खेल करने वालों पर भी कार्रवाई का हंटर चलाया।
दरअसल हरियाणा की कम्पनी महादेव एक्सपोर्ट ने कोरोनाकाल के दौरान मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन के जिस परचेज ऑर्डर पर 9 करोड़ 62 लाख के 30 लाख मास्क और 50 हजार पीपीई किटों की आपूर्ति सरकारी अस्पतालों और कार्पोरेशन के वेयर हाउस में की थी। उसे फर्जी बताते हुए कार्पोरेशन की तहरीर पर अप्रैल 2021 में अज्ञात के खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज की गयी थी।
दो साल पहले हुआ था मास्क और पीपीई किट फर्जीवाड़ा
विवेचना के दौरान करोड़ों के फर्जीवाड़े में फंसे आरोपियों पर मेहरबानी के खेल की शिकायत मुख्यमंत्री योगी को भी पत्र भेजकर कंपनी ने की थी। दो वर्ष तक कार्रवाई एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी। कुछ दिनों पहले पीड़ित कंपनी महादेव एक्सपोर्ट के मालिक ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से न्याय के लिए मुलाक़ात की। जिसके बाद मामला मुख्यमंत्री योगी के संज्ञान में आने के बाद शीर्ष स्तर से जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
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फिर तकरीबन पांच दिन पहले विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में एचसीएल चौकी इंचार्ज दीपक पांडेय को डीसीपी साऊथ विनीत जायसवाल ने निलंबित कर दिया। इसके बाद सोमवार को एसीपी(गोसाईगंज) पंकज कुमार सिंह और सुशांत गोल्फ सिटी थाने के इंस्पेक्टर अतुल श्रीवास्तव की टीम ने करोड़ों के फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी फैसल वारसी को उसके इंदिरानगर स्थित आवास से गिरफ्तार किया। एसीपी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल फैसल को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसे जल्द जेल भेजा जाएगा। जांच में कई और आरोपियों और तथ्यों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
मेडिकल कार्पोरेशन के अफसरों की गर्दन भी फंसना तय
फर्जीवाड़े में मेडिकल कार्पोरेशन के अफसरों और कर्मियों की गर्दन भी फंसना तय है। करोड़ों के सामान की आपूर्ति में जीएसटी भी कम्पनी ने अदा की है। कार्पोरेशन के फाइनेंस अफसरों ने क्रेडिट नोट में कोई आपत्ति नहीं की।
डीसीपी (साउथ) विनीत जायसवाल ने ‘संदेश वाहक’ से कहा कि इस मामले में हरियाणा और यूपी के मुख्यमंत्री के दखल की बात में कोई दम नहीं है। न ही कोई फोन आया है। इस मामले के आईओ द्वारा दो वर्ष से जांच की जा रही थी। लेकिन लापरवाही मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गयी है। आरोपी फैसल वारसी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
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