मंडी परिषद घोटाला : क्लर्क की ‘लाल डायरी’ से उजागर हुए कई अफसरों के नाम, करोड़ों का लेनदेन दर्ज
Sandesh Wahak Digital Desk : फर्जी फर्मों को सवा दो करोड़ रुपए भुगतान कर चर्चा में आए क्लर्क मंजीत सिंह प्रयागराज निर्माणखंड के भ्रष्टाचारियों में बहुत छोटे प्यादे हैं। प्रयागराज निर्माणखंड तो भ्रष्टाचारियों की खान है। आरोपी मंजीत की डायरी से आधा दर्जन और नाम उजागर हुए हैं। जिन्होंने मंजीत को भी पीछे छोड़ दिया है।
‘संदेश वाहक’ में लगातार खबरें छपने के बाद इन भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उधर, शासन और मंडी परिषद के उच्चाधिकारियों द्वारा इस मामले को लगातार दबाते देख विपक्ष के विधायकों ने शासन में भ्रष्टाचार को लेकर पत्राचार शुरू कर दिया है। इस मामले में सपा नेताओं का कहना है कि प्रयागराज निर्माणखंड में करीब पांच वर्ष तक की जांच होनी चाहिए। जांच न होने की स्थिति में भ्रष्टाचार का यह मामला सदन में मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे।
आने वाले विधानसभा सत्र में मुद्दा बनेगा प्रयागराज निर्माणखंड का भ्रष्टाचार
मंजीत सिंह की लाल डायरी में पूर्व सहायक अभियंता लालचंद्र सिंह का नाम दर्ज है। लालचंद के नाम लाखों रुपए का अवैध लेनदेन दर्ज है। इसके अलावा प्रयागराज निर्माण खंड में सहायक अभियंता अखिलेश सिंह मौर्य और कनिष्ठ सहायक ललित कुमार वर्मा से भी लाखों में अवैध लेनदेन दर्ज है। बांदा में बतौर सहायक अभियंता तैनात आत्मा राम सरोज से भी लाखों का लेनदेन दर्ज है।
2021 में रिटायर हुए महाबीर सिंह भी लाखों का लेनदेन सामने आया है। वर्तमान में प्रयागराज में अवर अभियंता त्रियुगी नारायण भट्ट और अवर अभियंता सुनीता पर काफी नगदी अवैध लेनदेन में दर्शाई गई है। अवर अभियंता सुनीता वाराणसी मंडी में पहले से ही भ्रष्टाचार की आरोपी रही हैं और सस्पेंड भी रही हैं।
क्लर्क की डायरी से छह और भ्रष्टाचारी अधिकारियों के लेनदेन के खुलासे
सुनीता प्रयागराज निर्माणखंड में हुए भ्रष्टाचार की बड़ी खिलाड़ी बताई जा रही हैं। पूर्व अवर अभियंता वंशराज सिंह का भी लेखा-जोखा दर्ज है। वंशराज पर रिटायरमेंट के साल भर बाद जबरिया चेक कटाने के भी आरोप लगे हैं। डायरी के आंकड़ों पर अनुमान लगाया जाए तो मंजीत का उक्त अधिकारियों के साथ 10 करोड़ से ऊपर का लेनदेन दर्शाया गया है।
डायरी वाले खुलासे से जहां एक तरफ मंडी निदेशालय में उच्चाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं सपा की विधायक मारिया शाह और पूर्व मंत्री एवं विधायक रविदास मेहरोत्रा ने सीएम को पुन: पत्र लिखा है।
विधायकों ने बताया कि प्रयागराज निर्माणखंड में भ्रष्टाचार के नित नए मामले उजागर हो रहे हैं। ऐसे में सरकार का पहला कार्य है कि करीब पांच वर्ष के कार्यकाल की जांच कराए। जांच न होने की स्थिति में विधानसभा सत्र में निर्माणखंड का मुद्दा जोरशोर से उठाया जाएगा। उधर, शासन के सूत्रों के मुताबिक इस प्रकरण पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। एक मामले में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री की ओर से जांच का आदेश भी किया जा चुका है।
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