मंडी परिषद: विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख विधायक ने बताई मंडी अफसरों की कारस्तानी
नियम 301 और नियम 51 के अंतर्गत सदन को दी सूचना, अध्यक्ष ने की मंजूर,एक माह में उच्च स्तरीय जांच कराकर देना होगा लिखित जवाब
Sandesh Wahak Digital Desk : पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक रविदास मेहरोत्रा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा कार्य संचालन नियमावली 1958 के विभिन्न नियमों के अंतर्गत सदन में मंडी परिषद के अधिकारियों के विरुद्ध लिखित सूचना दी है। सूचना को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने स्वीकृति भी दे दी है। इस पर विभागीय मंत्री को एक माह में विधायक को लिखित जवाब देने का प्राविधान है।
इसमें यह भी व्यस्था है कि यदि विधायक जवाब से संतुष्ट न हों तो वह विधानसभा उत्तर प्रदेश के अनुसरण समिति को समीक्षा हेतु प्रकरण को प्रस्तुत कर सकते हैं। विधायकों का कहना है कि यदि प्रश्नों के उत्तर की तरह नोटिसों का भी जवाब आया तो हम मंडी परिषद के विरुद्ध विधानसभा के अनुसरण समिति में प्रकरण को प्रस्तुत करेंगे।
घोटाले से जुड़े कई अधिकारी अब भी तैनात
विधायक रविदास मेहरोत्रा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को दी गई सूचना में अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पहाडिय़ा में चार वर्ष पहले करोड़ों का घोटाला किया गया और सुनियोजित ढंग से इस घोटाले को समाप्त कर दोषियों को बचा लिया गया। घोटाले से जुड़े कई अधिकारी अब भी तैनात हैं।
अगर घोटाला न हुआ होता तो अदालत पुलिस द्वारा की गई विवेचना को खारिज न करती। इसके अलावा परिषद के जिन अनियमित कर्मिकों को नियमित किया गया उसके जवाब से भी विधायक असंतुष्ट थे। पत्र में मंडी समिति नोएडा की अनियमित तरीके से नियुक्ति का जिक्र है। इसके अलावा निदेशक कैंप में तैनात आशुलिपिक की अनियमित नियुक्ति का भी जिक्र है।
फर्जी भुगतान प्रकरण की जांच पर भी उठे सवाल
इसके अलावा कुछ निलंबित कर्मियों जीवन निर्वाह भत्ता 75 फीसदी भुगतान किए जाने एवं कतिपय कर्मियों को 50 फीसदी भुगतान करने का भी उल्लेख किया गया है। प्रयागराज निर्माण खंड में क्लर्क मंजीत सिंह द्वारा ढाई करोड़ के फर्जी भुगतान प्रकरण की जांच पर भी सवाल उठाए गए हैं। इस फर्जी भुगतान में उपनिदेशक मुरादाबाद महेंद्र कुमार की पूरी संलिप्पता बताई गई है।
कहा गया कि जांच पांच वर्ष तक की करानी थी। लेकिन महेंद्र कुमार को बचाने के लिए जांच दो वर्ष की कराई गई। क्लर्क प्रयागराज में काम करता रहा और महेंद्र कुमार झांसी से वेतन आरहित करते रहे। निर्माण खंड मेरठ में पांच लाख रुपए का लोनिवि को बिना कार्य किए फर्जी भुगतान किए जाने का भी उल्लेख किया गया है।
पहाड़िया मंडी वाराणसी में मनमाने तरीके से हुए कार्यों को विनोद कुमार राय प्रभारी, उपनिदेशक निर्माण द्वारा बिना नियम के दोबारा दिखाकर पुन: माप कराई गई जो नियम विरुद्ध है, का भी जिक्र किया गया है। उधर, सपा विधायक विनोद चतुर्वेदी ने भी विधानसभा अध्यक्ष को जांच हेतु पत्र लिखा है।
विधानसभा में प्रेसित की गई अग्रिम प्रति
दिनांक 29 नवंबर 2023 को नियम 51 के अंतर्गत सूचना दी गई थी। तथा पहली दिसंबर 2023 को नियम 301 के तहत सूचना दी गई थी। नियम 51 की अग्रिम प्रति विधानसभा ने प्रेसित कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मंडी परिषद के अधिकारी पुन: गोलमोल जवाब देने की तैयारी में हैं।
20 से अधिक पत्र लिखे, नहीं हुई कार्रवाई-रविदास
विधायक रविदास ने नियम 51 के अंतर्गत भी विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर मंडी परिषद के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि मंडी परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचारों की जांच को लेकर उन्होंने शासन एवं विभाग को 20 से अधिक पत्र लिखे, लेकिन मंडी के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि उनके द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के सभी विषयों की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की जाए। जांच होने तक मंडी परिषद में क्लास -ए, एवं कलास-बी अभियंताओं की नियम विरुद्ध होने जा रही पदोन्नति को रोकी जाए। मुरादाबाद के उपनिदेशक निर्माण महेंद्र कुमार के पूरे कार्यकाल की उच्च स्तरीय जांच की जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंडी परिषद के अधिकारियों में विधायिका एवं शासन के प्रति भय समाप्त हो गया है।