मंडी परिषद: जवाबों से विधायक असंतुष्ट, प्रश्नों को अनुश्रवण समिति में ले जाने की तैयारी
जवाब फर्जी मिलने पर अफसरों पर हो सकती है कार्रवाई
Sandesh Wahak Digital Desk : राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर सदन में उठाए गए प्रश्नों के जवाब से विधायक असंतुष्ट हैं। विधायकों का कहना है कि जो जवाब विभागीय मंत्री द्वारा उत्तरित किया गया है, वह दिगभ्रमित करने वाला है। असंतुष्ट विधायक इस प्रकरण को उत्तर प्रदेश विधानसभा की अनुश्रवण समिति में लेकर जाएंगे। इसके लिए उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
गौरतलब हो कि 30 नवंबर को विभिन्न विधायकों के मंडी परिषद के तारांकित और अतारांकित प्रकार के 37 प्रश्न लगे हुए थे। जिनका उत्तर विभागीय मंत्री ने दिया था। विधायकों का कहना है कि जो प्रश्न पूछा गया था उसका गोलमोल जवाब दिया गया।
30 नवंबर को विभिन्न विधायकों द्वारा 37 प्रश्न पूछे गए थे। इसमें पहाडिय़ा मंडी में हुए भ्रष्टाचार, प्रयागराज में क्लर्क मंजीत सिंह द्वारा फर्जी फर्मों को ढाई करोड़ का भुगतान सहित दर्जनों प्रश्न किए गए। विधायकों का मानना है कि मंडी के अधिकारियों द्वारा विभागीय मंत्री से जो उत्तरित कराए गए वह गोलमोल है। इसका अर्थ है कि सच छिपाया जा रहा है। दोषियों को बचाया जा रहा है। पहाडिय़ा मंडी के घोटालेबाज पद पर तैनात हैं, लेकिन बताया गया कि कार्रवाई की जा रही है।
फर्जी फर्मों को ढाई करोड़ रुपए के भुगतान मामले में सपा विधायक ने पूछे सवाल
प्रयागराज में फर्जी फर्मों को ढाई करोड़ रुपए के भुगतान मामले में सपा विधायक ने पांच वर्ष की जांच के बारे में पूछा था। लेकिन विभाग द्वारा सिर्फ दो वर्ष के भुगतानों की जांच कराई थी। तीन वर्ष की जांच कराए बिना विधायक को गोलमोल जवाब दे दिया गया। विधायकों का कहना है कि अधिकांश प्रश्नो के उत्तर वाद विंदु से हटकर भेजे गए हैं।
इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मुख्य सचेतक मनोज पांडेय के अनुरोध पर गलत उत्तर देने वाले अधिकारियों को दंडित करने की व्यवस्था भी दी है। अगर विधायक इस विषय को अनुश्रवण समिति तक ले गए तो मंडी के अफसरों पर कार्रवाई होनी तय है। गौरतलब हो कि विधायक विनोद चतुर्वेदी, मो. फहीम इरफान, रविदास मेहरोत्रा, डा. रागिनी आदि ने विधानसभा में कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार मंत्री दिनेश प्रताप सिंह से प्रश्न किए थे।