मंडी परिषद : कमीशन मिलने में देरी हुई तो जेब से निकाले 50 हजार

अवर अभियंता त्रियुगी नारायण की कारस्तानी डायरी में दर्ज

Sandesh Wahak Digital Desk : राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के प्रयागराज निर्माण खंड में बनी कमीशन की लाल डायरी में अभियंताओं और अधिकारियों के एक से एक कारनामें दर्ज हैं। कमीशनबाजों में एक और मशहूर नाम अवर अभियंता त्रियुगी नारायण भट्ट का भी दर्ज है। इन्होंने 02 मार्च 2022 को कमीशन मिलने में देरी होने पर क्लर्क मंजीत की जेब से 50 हजार रुपए निकाल लिए।

क्लर्क मंजीत ने भी इनका नाम लाल डायरी में दर्ज कर लिया। अवर अभियंता ने 09 जनवरी 2022 से 08 नवंबर 2022 तक साढ़े 13 लाख रुपए कमीशन के रूप में प्राप्त किए। लाल डायरी को लेकर कई विधायकों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख रखा है। इसलिए जांच शुरू होने पर सभी कमीशनबाजों का नपना तय है।

कई भ्रष्टाचार के खुलासे हो सकते

कमीशन लेने में अवर अभियंता त्रियुगी नारायण भट्ट किसी से कमतर नहीं निकले। 15 मार्च 2023 को भट्ट ने एक साथ सात लाख रुपए का कमीशन प्राप्त किया। यह बात लाल डायरी में दर्ज है। 13 नवंबर 2022 से 31 फरवरी 2023 के बीच त्रियुगी नारायण ने करीब 20 लाख रुपए नगद कमीशन प्राप्त किया। डायरी के मुताबिक त्रियुगी नारायण भट्ट ने मंझनपुर कौशांबी और फतेहपुर में कई फर्जी भुगतान किए। जांच होने की स्थिति में इनके द्वारा किए गए कई भ्रष्टाचार के खुलासे हो सकते हैं।

वरई बधवा से महराजगंज तक बने संपर्क मार्ग के निर्माण का भुगतान पीडब्ल्यूडी द्वारा किया गया था। लेकिन अवर अभियंता भट्ट ने मंडी परिषद से भुगतान करा दिया। जाहिर सी बात है कि पूरा पैसा स्वयं रख लिया होगा। आगे चलकर इस सडक़ के निर्माण की भी जांच होनी है।

ट्रांसफर के नाम पर एक लाख रुपए की कमीशन

भट्ट ने ट्रांसफर के नाम पर एक लाख रुपए कमीशन मंजीत सिंह से प्राप्त किए। आरोपी क्लर्क मंजीत सिंह ने बताया कि महराजगंज से बरई वाली सडक़ पर त्रियुगी नारायण भट्ट और निलंबित उपनिदेशक निर्माण ने सुनियोजित ढंग से फर्जी बिल बनाया था। हालांकि इस सडक़ की शिकायत कुछ दिनों पहले शासन को भी की जा चुकी है।

बताया कि एक सडक़ ऐसी है कि जिसका निर्माण प्लांट मालिक अफजल से मटेरियल लेकर दो किलोमीटर तक बनाया गया। भुगतान स्वयं ले लिया और मुझसे कहा गया कि अफजल को भुगतान तुम कमीशन से कर देना। मंजीत सिंह ने बताया कि त्रियुगी नारायण भट्ट ने कभी खाते में कमीशन नहीं मांगा। वह सारा कमीशन नगद में ले लेते थे। बाकी अफसरों ने खाते में कमीशन ले रखा है।

जांच होने पर खाता संख्या और तारीख सहित जांच अधिकारी को उपलब्ध कराऊंगा। डीडीसी मुरादाबाद महेंद्र कुमार, अवर अभियंता सुनीता, लाल चंद्र सिंह आदि सीधे खाते में धन मंगा लेते थे।

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