एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई: पंजाब से यूपी तक हथियारों की खेप पहुंचाने वाले दो तस्कर गिरफ्तार

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह पंजाब से अवैध हथियार यूपी समेत अन्य राज्यों में सप्लाई कर रहा था। गिरफ्तार आरोपियों से महत्वपूर्ण दस्तावेज और हथियारों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी फर्जी रसीदें बरामद हुई हैं।
गिरफ्तार आरोपियों का विवरण
गुरविंद्र जीत सिंह (पुत्र सुरजीत सिंह) – निवासी ओलख फार्म हाउस, प्लासौर रोड, तरन तारन, थाना सिटी, जिला तरन तारन (पंजाब)। यह धन धन बाबा दीप सिंह गन हाउस का मालिक है।
शेजपाल सिंह (पुत्र अवतार सिंह) – निवासी ग्राम चक पंडोरी, थाना लोपोके, जिला अमृतसर (पंजाब)। यह मरहटटा गन हाउस से जुड़ा है।
गिरफ्तारी का स्थान और समय
स्थान: एसटीएफ फील्ड यूनिट, पुलिस लाइन, मेरठ
तारीख: 05 मार्च 2025
समय: 18:50 बजे
बरामद दस्तावेज
गन हाउस की फर्जी बिक्री रसीदें:
धन धन बाबा दीप सिंह गन हाउस, तरन तारन (पंजाब)
मरहटटा गन हाउस, अड्डा खासा, जी.टी. रोड, अटारी, अमृतसर (पंजाब)
फर्जी लाइसेंस
मरहटटा गन हाउस का शस्त्र लाइसेंस (अवतार सिंह के नाम पर जारी)
जिला मजिस्ट्रेट अमृतसर की रिपोर्ट के अनुसार, लाइसेंस में कोई पार्टनरशिप नहीं थी, लेकिन फर्जी तरीके से शेजपाल सिंह का नाम जोड़ा गया।
कैसे हुआ खुलासा?
एसटीएफ को पश्चिमी यूपी में अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। इस गिरोह के कुछ अपराधियों को पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका था, जिनसे पूछताछ में इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।
23 नवंबर 2024 – मेरठ के कंकरखेड़ा से रोहन (पुत्र राकेश कुमार, निवासी लोहड़ड़ा, बागपत) को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 5 एसबीबीएल गन, 12 डीबीबीएल गन और 700 कारतूस (315 बोर) बरामद हुए थे। इस मामले में एफआईआर संख्या 693/2024 दर्ज की गई थी।
20 दिसंबर 2024 – इस गिरोह का मुख्य सरगना अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी (पुत्र राजेंद्र, निवासी सिसौली, मुजफ्फरनगर) को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से .30 बोर की रायफल, .30 बोर की कार्बाइन (15 कारतूस सहित) और एक अवैध 12 बोर पंप-एक्शन गन बरामद हुई थी।
02 फरवरी 2025 – पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि अनिल बालियान के पास से बरामद .45 बोर की पिस्टल* पंजाब के *विशाल गन हाउस, पठानकोट से खरीदी गई थी।
05 मार्च 2025 – गुरविंद्र जीत सिंह और शेजपाल सिंह एसटीएफ कार्यालय, मेरठ में हथियारों से जुड़े दस्तावेज लेकर पहुंचे, जहां उनसे पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।
कैसे चल रहा था अवैध हथियारों का धंधा?
गुरविंद्र जीत सिंह ने .45 बोर की पिस्टल विशाल गन हाउस, पठानकोट से 19 नवंबर 2024 को खरीदी थी।
इस पिस्टल को फर्जी लाइसेंस के आधार पर 21 नवंबर 2024 को शेजपाल सिंह को बेचा गया।
शेजपाल सिंह ने इसे फर्जी बिल पर गौतम अहलावत (निवासी पट्टी, तरन तारन) के नाम दिखाकर अनिल बालियान को सप्लाई किया।
इसके अलावा, 5 एसबीबीएल गन और 15 डीबीबीएल गन भी इसी तरह फर्जी लाइसेंस पर बेची गईं।
शेजपाल सिंह ने 1000 कारतूस (.315 बोर) और अन्य हथियार तमन्ना गन हाउस, मोगा के नाम पर फर्जी रसीदें काटकर तस्करी की।
प्रत्येक गन के लिए ₹40,000-₹50,000 और प्रत्येक कारतूस के लिए ₹100 की कीमत ली जाती थी।
ड्रग माफिया से जुड़े तार
शेजपाल सिंह के पिता अवतार सिंह वर्तमान में एनडीपीएस एक्ट, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम और यूएपीए के तहत सेंट्रल जेल, अमृतसर में बंद हैं।
वह पाकिस्तानी ड्रग्स माफिया सरमुख सिंह के गिरोह का सदस्य है, जो पंजाब में नशे की तस्करी करता था। सरमुख सिंह भी जेल में बंद है, लेकिन उसका नेटवर्क अभी भी सक्रिय है।
शेजपाल सिंह ने अपने पिता के नाम पर चल रहे मरहटटा गन हाउस का फर्जी पार्टनर बनकर अवैध हथियारों की बिक्री शुरू कर दी थी।
एसटीएफ की कार्रवाई
गुरविंद्र जीत सिंह और शेजपाल सिंह को 318(4), 336(3), 338, 340 (2), 61(2) (क) बीएनएस एवं 5/25(1)(क) / 25 (8) आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ की जा रही है।
एसटीएफ की यह कार्रवाई यूपी में अवैध हथियारों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस अब इस पूरे गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।