Mahua Moitra: मुसीबत में महुआ मोइत्रा, क्या फिर जाएगी सांसदी? दर्ज हुए केस में इतनी हो सकती है सजा

एकबार फिर से तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा फिर नई मुसीबत में फंसती दिख रही हैं. जिसके चलते उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. दरअसल, ये केस राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर अभद्र टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है.

Mahua Moitra

ख़बरों के मुताबिक, भारतीय न्याय संहिता के तहत दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ये पहली एफआईआर है. राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से दिल्ली पुलिस कमिश्नर के सामने महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत दी गई थी. इसी आधार पर स्पेशल सेल ने केस दर्ज किया है.

क्या है पूरा मामला?

दो जुलाई को यूपी के हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ मची थी. इस भगदड़ में 120 से ज्यादा मौतें हुई थीं. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं. चार जुलाई को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा हाथरस गई थीं. इस दौरान एक शख्स पीछे छाता लेकर चल रहा था. इसका वीडियो सामने आया, जिस पर महुआ मोइत्रा ने अभद्र टिप्पणी की थी. हालांकि, बाद में महुआ ने इसे डिलीट कर दिया था.

इस पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया. महिला आयोग ने अपनी शिकायत में कहा कि महुआ की टिप्पणी बेहद अपमानजनक हैं. और महिलाओं के सम्मान के साथ जीने के अधिकार का सरासर उल्लंघन है. महिला आयोग ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. इसके अलावा, तीन दिन के भीतर एक्शन रिपोर्ट भी मांगी है.

एफआईआर में कौन सी धारा?

महिला आयोग ने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा की टिप्पणी न सिर्फ अपमानजनक है, बल्कि एक महिला के गरिमा के अधिकार का उल्लंघन भी है. महिला आयोग ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 के तहत केस दर्ज करने की मांग की थी.

महिला आयोग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 के तहत केस दर्ज किया है.

X पर महिला आयोग की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए महुआ ने लिखा, ‘दिल्ली पुलिस इस स्वतः संज्ञान आदेश पर तुरंत कार्रवाई करें. अगर आपको अगले तीन दिन में तुरंत गिरफ्तारी के लिए मेरी जरूरत हो तो मैं नादिया में हूं.’ महुआ ने महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर तंज कसते हुए भी लिखा, ‘मैं अपना छाता खुद पकड़ सकती हूं.’

कितनी सजा हो सकती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 कहती है कि जो कोई भी महिला की गरिमा को अपमानित करने के इरादे से कुछ बोलता है, कुछ आवाज निकालता है, कुछ इशारे करता है या फिर कुछ भी ऐसा करता है, जिससे महिला की निजता में दखल होता है, तो दोषी पाए जाने पर जेल की सजा होगी। जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर जुर्माने की सजा का भी प्रावधान है.

…तो क्या चली जाएगी सदस्यता?

कानूनन अगर किसी सांसद या विधायक को किसी आपराधिक मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो तत्काल उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी.

1951 में आए जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) में लिखा है कि अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो तत्काल उसकी सदस्यता चली जाएगी. इसके अलावा, सजा पूरी होने के बाद अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाती है.

पिछले साल चली गई थी सदस्यता

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पिछले साल ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में फंस गई थीं. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उनपर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.

महुआ मोइत्रा पर आरोप लगा था कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछे थे. ये भी आरोप था कि उन्होंने हीरानंदानी और हीरानंदानी ग्रुप को लोकसभा वेबसाइट के लिए अपने लॉगइन क्रेडेंशियल दिए थे. ताकि वो इसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए कर सकें.

महुआ ने हीरानंदानी को पासवर्ड देने की बात मानी थी. उन्होंने कहा था कि उन्होंने हीरानंदानी को पासवर्ड इसलिए दिया था, ताकि उनके ऑफिस से कोई सवाल टाइप और अपलोड कर दे. उन्होंने कहा था कि कोई भी उनकी जानकारी के बगैर सवाल नहीं डाल सकता था.

हालांकि, लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने महुआ को दोषी मानते हुए सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी. इसके बाद 8 दिसंबर 2023 को उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

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