महाघोटाला पार्ट-4: अंसल की टाउनशिप में दागी बिल्डरों के सिंडिकेट ने खपाई काली कमाई

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: अंसल एपीआई का सुशांत गोल्फ सिटी महाघोटाला मायावी अंदाज में अंजाम दिया गया है। अंसल के साथ कई ऐसे दागी बिल्डर भी टाउनशिप में सक्रिय है। जो बड़े घोटालों में जेल की सैर तक कर आये हैं।
बिल्डरों ने अरबों की काली कमाई को अंसल में जमीनों के जरिये निवेश करके खूब सफेद किया है। इन जमीनों की खरीद फरोख्त में बड़े पैमाने पर शेल कंपनियों का इस्तेमाल भी हुआ। इसके बावजूद ईडी के अफसर मनी लांड्रिंग की जांच में हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। कई ऐसे बिल्डर समूह हैं। जिन्हे इस टाउनशिप में बेतहाशा जमीनें दी गयी हैं। ऐसे में इन बिल्डरों के साथ हुए एमओयू और कराई गयीं रजिस्ट्रियों की जांच कराये जाने से गहरे राज सामने आ सकते हैं।
ठगी के दर्जनों मुकदमों में जेल गये बिल्डरों की सुशांत गोल्फ सिटी में अरबों की जमीनें
खासतौर से कमर्शियल मॉल्स और ग्रुप हाउसिंग से जुड़ी जमीनों के आवंटन में प्रदेश का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा दफन है। जिसकी व्यापक जांच सीबीआई से कराया जाना बेहद जरुरी है। अंसल के इशारों पर कंसोर्टियम के जरिये जमीनों को डायवर्ट करने का श्रेय भी इन्ही बिल्डरों को जाता है। बायोटेक पार्क, टेनिस अकादमी, स्टेडियम समेत पब्लिक यूटीलिटी से जुड़ी जमीनों में सैकड़ों करोड़ का घोटाला छुपा है। दागी बिल्डरों में पहला नाम जेल की सैर कर चुके वेल्थ मंत्रा के एमडी संजीव अग्रवाल का है। अग्रवाल को बायोटेक पार्क की कीमती जमीनें बेची गयी हैं। तकरीबन सात से आठ टावर दागी बिल्डर के बताये जा रहे हैं।
कमर्शियल मॉल्स व ग्रुप हाउसिंग के भूखंडों में बड़ा खेल
इसी के साथ लूलू मॉल के पास वेल्थ इम्पीरियो के नाम से कई बीघे जमीन अग्रवाल के पास हैं। संजीव अग्रवाल ने जनता से शेयर बाजार, प्लॉट व फ्लैट के नाम पर बेहिसाब ठगी की है। शाहजहांपुर पुलिस ने इसे विभूतिखंड स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। शेयर बाजार में रुपये लगाने के नाम पर करीब एक सैकड़ा लोगों ने ठगी के मामले इस बिल्डर के ऊपर दर्ज करा रखे हैं। संजीव शेयर बाजार में उछाल आते ही रकम निकाल लेता था। इसी ठगी के जरिये हासिल अरबों की काली कमाई का बड़ा निवेश अंसल की टाउनशिप में इस दागी बिल्डर ने खपाया है।
कौड़ियों के भाव में अरबों की जमीन दिए जाने की संभावना
अरबों की कीमती जमीनें कौडिय़ों के भाव दिए जाने की भी संभावना है। जिनके सहारे बेहिसाब मनीलांड्रिंग की गई है। अगला नंबर ईडी की गिरफ्त में चल रहे एक और दागी बिल्डर अनिल तुलसियानी का है। इस बिल्डर ने अरबों की ठगी के लम्बे खेल किये हैं। फिर काली कमाई का बड़ा हिस्सा टाउनशिप में जमीनों के खेल के जरिये खपाया है। अधिकांश बिल्डर दो सौ करोड़ से ऊपर की जमीनों की खरीद फरोख्त यहां किये बैठे हैं। किसानों से भी लूट खसोट करके फंड्स डायवर्ट किये गये हैं।
करीबियों के सहारे पूर्वांचल के माफियाओं का कालाधन हो रहा सफेद
अंसल एपीआई में दागी बिल्डरों के सहारे पूर्वांचल के माफियाओं का भी काला धन जमीनों के खेल में लगा है। खासतौर से प्रयागराज, गाजीपुर और जौनपुर के तमाम माफिया परदे के पीछे से काफी पहले ही मनीलांड्रिंग के खेल से जुड़ गए थे। माना जा रहा है कि अरबों की ठगी में जेल गयेअनिल तुलसियानी और संजीव अग्रवाल के जरिये इस खेल ने खूब रफ्तार पकड़ी है। जिसकी जानकारी ईडी के पास भी है। कई सफेदपोश माननीय भी इसी रैकेट का हिस्सा हैं।
इन बड़े बिल्डरों की जमीनों के एमओयू और रजिस्ट्री के मिलान की जांच बेहद जरूरी
रिषिता डेवेलपर्स के मुखिया सुधीर अग्रवाल के पास भी टाउनशिप में अरबों की भूमि है। ऐसी भी कंपनियां हैं, जिनको यहां जमीनों का जखीरा बांटा गया है। इनमें दिल्ली की कम्पनी डीआरएम जैसे तमाम नाम शामिल हैं। जिनकेपास सैकड़ों एकड़ जमीन बताई जा रही है। वहीं संसारा होम्स के मालिक राहुल अग्रवाल के पास भी बेतहाशा जमीनें हैं।
लेवाना ग्रुप के मालिक पवन अग्रवाल और अंसल के पुराने सहयोगी श्री ग्रुप के मुखिया मनोज द्विवेदी, शरद केसरवानी, आनंद अग्रवाल समेत कई बिल्डर सुर्खियों में हैं। अंसल की टाउनशिप में जिन बिल्डरों ने बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद फरोख्त की है। उनके एमओयू और रजिस्ट्री के मिलान समेत बिल्डरों को जमीनें कहां और किन सुविधाओं की सौंपी गयीं हैं। इसकी व्यापक जांच कराई जानी जरुरी है। इससे हवाला के रैकेट का बड़ा खुलासा भी हो सकता है।
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