Mahadev Betting App Scam: सौरभ चंद्राकर दुबई में गिरफ्तार, ऐप के जरिए 6 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप

Mahadev Satta App Scam: छत्तीसगढ़ के भिलाई मदरटरेसा नगर में रहने वाला महादेव ऐप ऑनलाइन सट्टेबाज सरगना सौरभ चंद्राकर अंततः अब छत्तीसगढ़ आना ही होगा। दुबई में उसकी गिरफ्तारी इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर हुई, जिसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर जारी किया गया था। यह गिरफ्तारी भारतीय एजेंसियों के समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसमें विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने प्रमुख भूमिका निभाई।

Mahadev Satta App Scam

दरअसल, महादेव सट्टा ऐप के सरगना सौरभ चंद्राकर को दुबई में हिरासत में लेने की खबर है. सूत्रों के अुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर जारी इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के तहत यह कार्रवाई की गई है. UAE के अधिकारियों ने भारत सरकार और CBI को सौरभ चंद्राकर की हिरासत के बारे में जानकारी दी है.

हिरासत की खबर के बाद अब उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है. बताया जा रहा है कि सौरभ चंद्राकर को जल्द ही भारत लाया जाएगा. बताया गया है कि दिसंबर 2023 में सौरभ चंद्राकर को UAE में हिरासत में ले लिया गया था, तब से वह दुबई पुलिस की कस्टडी में ही है. ईडी सूत्रों का कहना है कि उसे भारत लगाने की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और अगले 10 दिनों में उसे भारत डिपोर्ट कर लिया जाएगा.

जूस बेचने वाला बन गया करोड़ों के घोटाले का मास्टरमाइंट

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सौरभ चंद्राकर पर 6 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप है. हजार करोड़ के घोटाले का यह आरोपी पहले एक नॉर्मल जूस विक्रेता था. कुछ साल पहले तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सौरभ चंद्राकर जूस फैक्ट्री के नाम से जूस की दुकान चलाता था. रोड साइड दुकान थी तो इनकम ज्यादा नहीं थी, उसे ज्यादा पैसा कमाना था, उसने अपनी जूस की दुकान को फैलाना शुरू कर दिया.

छत्तीसगढ़ के कई शहरों में जूस फैक्ट्री नाम से दुकानें खुलीं. सौरभ चंद्राकर को जूस बेचने के साथ-साथ सट्टा खेलने की भी आदत थी. पहले वह ऑफलाइन सट्टा खेलता था. लेकिन कोरोना की वजह से ऑनलाइन सट्टा खेलने लगा. लॉकडाउन के दौरान उसने रवि उप्पल नाम के शख्स के साथ मिलकर महादेव बैटिंग ऐप लॉन्च कर दिया.

क्या है महादेव बेटिंग ऐप?

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महादेव बेटिंग ऐप को ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया था. इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे. ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में सट्टेबाजी भी की जाती थी. अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला. छत्तीसगढ़ में इस ऐप को सबसे ज्यादा यूज किया जाने लगा. इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था.

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