लखनऊ: घूसखोरी का वीडियो वायरल, जांच एजेंसियों के रडार पर एलडीए
इंटेलिजेंस ने शुरू की जांच, अफसरों से की गई पूछताछ
Sandesh Wahak Digital Desk/Vinay Shankar Awasthi : लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर होने के चलते अब भ्रष्टाचार से जुड़ी कई जांच एजेंसियां एलडीए में सक्रिय हो गई हैं। एलडीए में घूसखोरी के दम पर अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले कुछ इंजीनियर जांच एजेंसियों की रडार पर हैं। कुछ बाहरी लोगों का नाम भी इस खेल से जोड़ा जा रहा है। मामले में एलडीए के उच्च अफसरों से पूछताछ शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में भ्रष्टाचार से जुड़े कई चेहरे एलडीए में बेनकाब होंगे।
दरअसल, बीते शुक्रवार की सुबह सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एलडीए के एक जेई का रुपए लेते वीडियो वायरल हुआ। आरोप लगाए गए कि अवैध निर्माण के बदले जेई ने भवन स्वामी से रुपए वसूले हैं। पांच सेकेंड के इस वीडियो से शासन तक हड़कंप मच गया।
इसके बाद शनिवार को इंटेलिजेंस के एक अधिकारी ने उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी से मामले में पूछताछ की है। जानकारी के अनुसार पूछताछ में इंटेलिजेंस के अफसरों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं। इसके अलावा एक अन्य जांच एजेंसी की ओर से भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मियों का ब्योरा भी जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
12 बजे के बाद प्रवेश बंद
एलडीए की न्यू बिल्डिंग में निलंबित सुपरवाइजर से बाहरी व्यक्तियों द्वारा मारपीट किए जाने की घटना के बाद एलडीए में प्रवेश को लेकर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। अफसरों के अनुसार सुबह 10 से 12 बजे तक आम जनता मिलने के लिए आ सकती है और दोपहर 12 बजे के बाद विशेष परिस्थिति में ही बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश मिलेगा। हालांकि अफसरों का कहना है इस संबंध में अभी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
उपाध्यक्ष ने शासन को भेजी रिपोर्ट
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में शुक्रवार को किसी व्यक्ति से रुपए लेते हुए जेई का वीडियो वायरल होने और निलंबित सुपरवाइजर से मारपीट का वीडियो वायरल होने का संज्ञान शासन ने लिया है। मामले की पूरी रिपोर्ट उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने प्रमुख सचिव आवास को सौंपी है।
कर्मचारियों ने घेरा उपाध्यक्ष कार्यालय
एलडीए दफ्तर में शुक्रवार को मारपीट करने वाले दो लोगों को गोमतीनगर पुलिस ने शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया था, तो शनिवार को साथी कर्मचारी को छुड़ाने के लिए करीब 40-50 कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए एलडीए उपाध्यक्ष के कार्यालय का घेराव किया। जिसके बाद सभी कर्मचारी भूतल पर काफी देर तक बैठकर विरोध दर्ज कराते रहे। हालांकि एक-दो घंटे बाद सभी ने धरना बंद कर दिया।
इंटेलिजेंस से फोन पर जानकारी मांगी गई थी, कुछ जानकारी मौखिक रूप से दी गई है। बाकी दोनों ही मामलों की विस्तृत रिपोर्ट प्रमुख सचिव आवास को सौंप दी गई है। एलडीए मेंअफसरों से मिलने पर रोक नहीं है लेकिन विभिन्न पटल पर जाकर कामकाज प्रभावित करने वालों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, एलडीए
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