Lucknow: फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनवाने वाला संदीप सिंह गिरफ्तार, अब हो रहे हैं चौंकाने वाले खुलासे

अयोध्या के गोसाइगंज से समाजवादी पार्टी के बाहुबली विधायक अभय सिंह के साले संदीप सिंह उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी के बाद तमाम चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।

Sandesh Wahak Digital Desk: अयोध्या के गोसाइगंज से समाजवादी पार्टी के बाहुबली विधायक अभय सिंह के साले संदीप सिंह उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी के बाद तमाम चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पड़ताल में सामने आया कि संदीप का नागालैंड का फर्जी लाइसेंस एक आईएएस की रिपोर्ट के आधार पर दारुलशफा में मुख्तार के पते 107बी पर ट्रांसफर हुआ था। इस जानकारी के बाद फर्जी शस्त्र लाइसेंस की आंच अब बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी, कासगंज जेल में बंद विधायक बेटे अब्बास, सपा विधायक अभय सिंह समेत कई अफसर व कर्मचारियों तक पहुंच गई है। सभी एसटीएफ के रडार पर आ गए हैं।

Lucknow
फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनवाने वाला आरोपी

पप्पू के पास से बरामद हुई इंग्लैंड मेड राइफल का फर्जी लाइसेंस दारूलशफा 107बी पहले मुख्तार के नाम पर था। अब उनके बेटे के नाम पर आवंटित है। हालांकि सरकारी डायरी में अब्बास का पता ही गायब कर दिया गया है। राइफल का लाइसेंस संख्या 7099 पप्पू ने बिना नागालैंड के मोन जिला गए अपने करीबी की मदद से बनवाया था। उसे वहां से 7 जून 2004 में एक आईएएस की रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ में 107 बी दारुलशफा के पते पर स्थानांतरित करवा लिया था।

मुख़्तार के बेटे से एसटीएफ करेगी पूछताछ

पंजाब जेल में बंद मुख्तार और अभय सिंह के करीबी रिश्ते जगजाहिर हैं। लिहाजा अब इस मामले में एसटीएफ मुख्तार व उनके बेटे से भी पूछताछ करने की तैयारी में है। पड़ताल में सामने आया कि इटली मेड बरेटा पिस्टल का फर्जी लाइसेंस अयोध्या से बनवाया गया था। 20 दिसंबर 2017 को वहां के तत्कालीन प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर उसका स्थानांतरण फ्लैट नंबर 402 कालिंदी विला अपार्टमेंट विभूतिखंड के पते पर करवा लिया था।
एसटीएफ इस मामले में अयोध्या व नागालैंड प्रशासन को भी जांच के लिए अनुरोध करने की तैयारी कर रही है कि दोनों स्थानों से फर्जी लाइसेंस कैसे बनाए गए?

कई अधिकारियों पर गिरेगी गाज

वहीं, अभय सिंह के साले संदीप सिंह पर वाराणसी, अयोध्या, कानपुर व लखनऊ के विभिन्न थानों में नौ गंभीर अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसके बाद फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाकर उसे लखनऊ के पते पर स्थानांतरित करने में उसका साथ देने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय है।

एसटीएफ का मानना है कि शातिर संदीप ने फर्जी लाइसेंस बनवाने व उस पर शस्त्र खरीदने के साक्ष्य मिटाने के लिए दोनों शस्त्रों को बेचने की भी तैयारी शुुरू कर दी थी। उसने शस्त्र बेचने की मंजूरी भी ले ली थी। इसे पहले कि वह अपने मंसूबों पर कामयाब हो पाता, उससे पहले ही एसटीएफ की गिरफ्त में आ गया। एसटीएफ को इस संबंध में दस्तावेज भी मिले हैं। एसटीएफ अब उक्त मुकदमे में और धाराएं जोडऩे की तैयारी कर रही है।

बताते चलें कि एसटीएफ ने संदीप को गिरफ्तार कर उसके ठिकानों से इंग्लैंड मेड 30.60 बोर की राइफल और इटली मेड बरेटा पिस्टल मिली थी। शनिवार को एसटीएफ ने लाटूस रोड स्थित नंदा गन हाउस व कानपुर में स्थित गन हाउस से जानकारी हासिल की तो फर्जी लाइसेंस भी मिल गए थे।

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