Lucknow: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन, 12 संगठनों ने उठाई आवाज, सरकार से की ये मांग
Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ विश्वविद्यालय में बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और हिंसक घटनाओं के विरोध में मंगलवार को एक व्यापक प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन में 12 से अधिक संगठनों ने भाग लिया। जिसमें गायत्री परिवार, प्रजापति ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी संगठन, इस्कॉन मंदिर, जैन समाज, बौद्ध समाज, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, मजदूर संगठन, अधिवक्ता परिषद, और अन्य संगठनों के सदस्य शामिल थे।
बांग्लादेश हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन
दोपहर 2 बजे से शुरू हुआ यह प्रदर्शन बांग्लादेश हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं और बच्चों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इसके अलावा, चौक सर्राफा एसोसिएशन और चौक चिकन हैंडीक्राफ्ट संगठन ने सामूहिक रूप से चौक सर्राफा चिकन बाजार में रैली निकालकर अपना विरोध प्रकट किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और भारत सरकार से मांग की कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर हत्या, लूट, आगजनी और महिलाओं पर हिंसा जैसी घटनाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार और अन्य एजेंसियां मूकदर्शक बनी हुई हैं। इस बीच, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के साधु श्री चिन्मय कृष्ण दास को जेल भेजने की भी कड़ी निंदा की गई।
युवा वर्ग की सक्रिय भागीदारी
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किशोर भी मौजूद थे, जिन्होंने अपनी आवाज बुलंद की। उनका कहना था कि भारत सरकार को इन घटनाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने एकजुट होकर हिंदुओं की रक्षा करने की अपील की।
लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर से निकाली गई मार्च ने हनुमान सेतु मंदिर तिराहा, सुभाष चौराहा, वाल्मीकि तिराहा, मेफेयर तिराहा, अल्का तिराहा और हजरतगंज चौराहा होते हुए वापस विश्वविद्यालय परिसर में समाप्ति की। मार्च के चलते यातायात पुलिस को व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
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