Lucknow: साइन बोर्ड पर लिखे कुकरैल नाले को अफसरों ने लिखवाया नदी
अकबर नगर का दर्द: वर्षों बाद सिंचाई विभाग को आयी कुकरैल नदी की याद
Sandesh Wahak Digital Desk : कुकरैल को नदी का दर्जा देकर सौंदर्यीकरण के बहाने हजारों परिवारों को यहां से हटाने की मुहिम के तहत प्रशासनिक तंत्र ने तैयारियां तेज कर दी हैं। लखनऊ कमिश्नर की कोर्ट से सवा सौ अपील खारिज होने के बाद एलडीए के बुलडोजर भले यहां गरजने को तैयार खड़े हैं। लेकिन जल्दबाजी में प्रशासन की सक्रियता कई सवाल भी खड़े कर रही है।
खासतौर पर नाले को नदी में तब्दील करने की हड़बड़ाहट। ‘संदेश वाहक’ ने खुलासा किया था कि लखनऊ कलेक्ट्रेट में रखा सौ साल पुराना नक्शा कुकरैल नदी की अफसरों की थ्योरी पर कई सवाल खड़े कर रखा है। नया मामला सिंचाई विभाग का है। जिसको भी वर्षों तक यही नहीं मालूम था कि कुकरैल को नदी शब्द से सम्बोधित करना था।
दरअसल सिंचाई विभाग की तरफ से कुकरैल बैराज पिकनिक स्पॉट पर वर्षों पहले एक साइन बोर्ड लगाया गया था, जिसमें इसे नाला करार दिया गया था। साइन बोर्ड में साफ तौर पर दिया था कि कुकरैल नाले की लम्बाई, कैचमेंट एरिया और डिस्चार्ज कितना है। आंकड़ों भरा ये बोर्ड भी अब अपने सुर बदल चुका है।
सरकारी तंत्र द्वारा कुकरैल को नदी करार देकर सौंदर्यीकरण कराने की भनक लगते ही सिंचाई विभाग के अफसरों ने कुकरैल को तत्काल नाले से नदी में तब्दील करने में एक पल भी नहीं गंवाया। बाकायदा कुकरैल बैराज पिकनिक स्पॉट पर लगा सिंचाई विभाग का साइन बोर्ड अब कुकरैल को नदी करार देते हुए दिखाई दे रहा है। लेकिन वर्षों तक सिंचाई विभाग इसे नाला क्यों कहता रहा, इसे लेकर विभागीय अफसरों ने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा है।
पीएम आवास से किया किनारा रविवार को नहीं लगा कैम्प
एलडीए ने रविवार को अकबर नगर में पीएम आवास के पंजीकरण के लिए कैम्प नहीं लगाया। हालांकि शिविर 21 दिसंबर तक हर रोज लगना था। हालांकि शनिवार को लगाए गए शिविर में पंजीकरण कराने कोई नहीं आया था। अकबरनगर में एक सैकड़ा शोरूम, दुकानें और काम्प्लेक्स समेत 1200 से ज्यादा आशियाने जमींदोज करने के लिए तैयारी की जा रही है। सभी निर्माणों पर कमिश्नर का आदेश चस्पा कर दिया गया है। प्रशासन के अफसरों के मुताबिक लोगों को विस्थपित कोटे के तहत आसरा, पीएम आवास योजना के मकान सीधे आवंटित हो रहे हैं।
एलडीए इंजीनियरों की शह पर डूब क्षेत्र में खड़े हुए सैकड़ों अवैध निर्माण, कार्रवाई नहीं
कुकरैल बंधे के किनारों पर अकबर नगर के आगे चलने पर डूब क्षेत्र में खड़े दर्जनों अपार्टमेंट और कॉम्प्लेक्स समेत मकानों के ऊपर अभी भी प्रशासनिक तंत्र की नजरें नहीं पड़ी हैं। यहां कई रसूखदारों ने कुकरैल की सरकारी जमीन पर पक्के निर्माण करा रखे हैं। इसके बावजूद एलडीए के बुलडोजर सिर्फ अकबर नगर पर गरजने के लिए हरी झंडी का इन्तजार कर रहे हैं। जिन एलडीए इंजीनियरों ने इन अवैध निर्माणों के सहारे खूब काली कमाई की है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की बात करने को कोई अफसर तैयार नहीं है।
बड़े प्रदर्शन को कसी कमर, कई जिलों से फ़ोर्स मंगाने की तैयारी
अकबरनगर में कुकरैल नदी की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने वालों के निर्माण तोडऩे को लेकर यहां तनाव बरकरार है। रविवार को भी स्थानीय निवासियों ने अलग अलग धड़ों में पंचायत की। लोगों के मुताबिक एलडीए अगर यहां 20 दिसंबर के बाद बुलडोजर चलाएगा तो उसका जमकर विरोध किया जाएगा। जिसको देखते हुए एलडीए अफसरों ने भी मंथन शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक अकबर नगर में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान कई जिलों से भारी फोर्स मंगाने की पूरी तैयारी है। रविवार को तमाम वकीलों ने भी अकबर नगर के लोगों को अपना समर्थन दिया। लोगों को भरोसा है कि विरोध से मकान बच जाएंगे। पंचायत में लोगों ने तय किया कि वह पीएम आवास, आसरा के मकान नहीं लेंगे। उनके जो मकान हैं, उन्हें उसी जगह छोड़ा जाएगा, नहीं तो उग्र प्रदर्शन किया जायेगा।