लखनऊ नगर निगम: जन्म प्रमाणपत्र बनाने में अवैध वसूली का खेल, रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल
Sandesh Wahak Digital Desk : लखनऊ नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के एजव में कर्मियों की अवैध वसूली जारी है। नगर आयुक्त की कुर्सी पर बैठे युवा आईएएस अफसर इन्द्रजीत सिंह भले ही ईमानदार हों लेकिन उनकी नाक के नीचे अधीनस्थ अफसर काली कमाई का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। घूसखोर अफसरों के चहेते कर्मचारी लगातार नगर निगम की कुर्सी पर बैठकर कलंक कथा लिख रहे हैं।
खुलेआम रिश्वत लेकर जन्म प्रमाण पत्र बनाने का दावा
रविवार को नगर निगम की कलंक कथा में एक और अध्याय उस वक्त जुड़ गया जब नगर निगम के व्हाट्सएप ग्रुप पर जोन-छह के कर्मचारी का घूस लेते वीडियो वायरल हुआ। वायरल वीडियो में बाबू कमल किशोर रावत खुलेआम 500 रुपए लेकर जन्म प्रमाण पत्र बनाने का दावा कर रहा है। वैसे तो नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा बनाया जाता है मगर, जोन-छह में जोनल अधिकारी ने अपने स्तर से बाबू कमल को यह कार्य सौंप रखा था।
सूत्र बताते हैं कि नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से होने वाली अवैध कमाई का हिस्सा ऊपर तक पहुंचता है। कुछ कर्मचारी तो ऐसे हैं जो सालों से केवल जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम देख रहे हैं। तबादला हो जाने के बाद भी उनको कार्यमुक्त नहीं किया जाता है। जानकार बताते हैं कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र ही नहीं बल्कि सभी अनुभागों में रोजाना लाखों रुपए की अवैध वसूली केवल आम जनता से की जा रही है।
काम कर रहे प्राइवेट कर्मी
नगर निगम की खुद की आर्थिक स्थिति भले ही ठीक न हो लेकिन यहां के कर्मचारियों के ठाठ निराले हैं। यहां सैंकड़ों प्राइवेट कर्मी बाबुओं के सहयोग में लगे हुए हैं। ज्यादातर इन कर्मियों के जरिए ही अवैध वसूली का खेल होता है। वायरल वीडियो में भी बाबू कमल के बगल वाली कुर्सी पर एक प्राइवेट कर्मचारी बैठा हुआ है।
500 से 1500 रुपए में ले रहे ठेका
किसी भी व्यक्ति के जन्म या मृत्यु के एक साल के भीतर नगर निगम से प्रमाण-पत्र बनवाने का नियम है उसकी फीस 20 रुपए निर्धारित है। अगर एक साल बीत जाता है तो एक शपथ-पत्र लगाकर सिटी मजिस्ट्रेट से आर्डर कराकर 25 रुपए फीस जमा करने का नियम है। मगर नगर निगम के कर्मचारी 500-1500 रुपए लेकर खुद ही पूरे काम का ठेका ले लेते हैं। नए नियम में तहसीलदार व लेखपाल की रिपोर्ट भी मांगी जा रही है।
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