लखनऊ नगर निगम : टैक्स वसूली में फिसड्डी निरीक्षकों पर मेहरबानी
15 प्रतिशत से भी नीचे गृह कर वसूली, फिर भी नहीं जाग रहे नगर निगम के अफसर
Sandesh Wahak Digital Desk/Vinay Shankar Awasthi : राजधानी लखनऊ का नगर निगम ठन-ठन गोपाल है, न तो उसके पास विकास कार्यों के लिए बजट रहता है और न ही ठेकेदार-कर्मचारियों का बकाया चुकाने को। बावजूद इसके नगर निगम अपने मूल काम यानी कि हाउस टैक्स वसूली को लेकर सुस्त है। इसे नगर निगम के अफसरों की दरियादिली ही कही जाएगी कि राजस्व निरीक्षकों की वसूली भले ही 15 प्रतिशत से भी नीचे हो मगर, उनपर अभी तक बड़े अफसरों की निगाह नहीं पहुंची है। वेतन हर महीने समय पर जारी किया जा रहा है।
हाउस टैक्स वसूली में फिसड्डी राजस्व निरीक्षकों से बुधवार को नगर निगम जोन-तीन के जोनल अधिकारी संजय कुमार यादव ने स्पष्टीकरण तलब किया और उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की। जोन-तीन में सितंबर माह की हाउस टैक्स वसूली की समीक्षा बैठक में राजस्व निरीक्षक अवनीश कुमार द्वारा डालीगंज-निराला नगर वार्ड में कुल मांग 914 लाख के सापेक्ष मात्र 132 लाख वसूली की गई।
वसूली कुल मांग 325 लाख के सापेक्ष मात्र 68 लाख
इसी तरह महाकवि जयशंकर प्रसाद के राजस्व निरीक्षक रोहित सैनी की वसूली कुल मांग 1399 लाख के सापेक्ष मात्र 147 लाख मिली। यही नहीं अयोध्यादास प्रथम वार्ड की राजस्व निरीक्षक रूपाली गुप्ता वसूली के मामले में काफी पीछे मिली हैं उनकी वसूली कुल मांग 666 लाख के सापेक्ष मात्र 28 लाख है। फैजुल्लागंज तृतीय वार्ड के राजस्व निरीक्षक सौरभ पाण्डेय भी वसूली के मामले में काफी कमजोर सबित हो रहे हैं। उनकी वसूली कुल मांग 325 लाख के सापेक्ष मात्र 68 लाख है।
राजस्व निरीक्षक मधुरेश कुमार कदम रसूल वार्ड में कुल मांग 484 के सापेक्ष मात्र 75 लाख वसूली कर पाए हैं। कुछ यही हाल लाला लाजपतराय वार्ड के राजस्व निरीक्षक सनी श्रीवास्तव का है। जिनकी वसूली मांग 507 के सापेक्ष मात्र 75 लाख हो पाई है। बता दें कि राजस्व निरीक्षकों की वसूली तो एक बानगी है, नगर निगम के सभी जोनों में दर्जनों की संख्या में राजस्व निरीक्षक हैं जिनकी वसूली संतोषजनक नहीं हैं। जिस पर उच्च अफसरों का ध्यान ही नहीं जा रहा। समीक्षा बैठकों में झूठी जानकारी देकर प्रशासनिक अफसरों को गुमराह करने की परिपाटी नगर निगम में बंद नहीं हो रही है।
शासन के आदेश को भी दिखा रहे ठेंगा
शासन की ओर से सिमंबर माह में वसूली लक्ष्य 40 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। लेकिन इन निरीक्षकों की वसूली 15 प्रतिशत से भी कम निकली। हांलाकि जोनल अधिकारी ने आदेश दिया है कि अगर एक सप्ताह के भीतर निरीक्षकों की ओर से तय लक्ष्य की वसूली नहीं की जाएगी तो उनके सितंबर माह का वेतन पर रोक लगा दी जाएगी। यही नहीं सभी को प्रतिकूल प्रविष्टिï की संस्तुति भी की जाएगी। लेकिन देखना यह होगा कि क्या जोनल अधिकारी अपने द्वारा जारी उक्त आदेश का पालन कर पाएंगे या फिर आदेश महज एक कागजी खानापूर्ति है।
कम वसूली वाले राजस्व निरीक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है, सभी को वसूली बढ़ाने के लिए चेतावनी दी गई है,आदेश का पालन न होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-इन्द्रजीत सिंह, नगर आयुक्त
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