Lucknow: बेलगाम अफसर-कर्मियों के आगे नगर आयुक्त बेबस
नगर निगम के 40 से ज्यादा कर्मी उड़ा रहे सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी की धज्जियां
Sandesh Wahak Digital Desk/ Vinay Shankar Awasthi: लखनऊ नगर निगम में सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बेलगाम लिपिक और निरीक्षकों के बगावती तेवर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से भी नहीं संभल रहे हैं। ट्रांसफर के एक माह बाद भी 40 से ज्यादा कर्मियों ने नयी तैनाती स्थल पर कामकाज शुरू नहीं किया है। कुछ अफसरों ने अपने चहेते कर्मियों को कार्यमुक्त ही नहीं किया है तो कुछ कर्मी नयी तैनाती स्थल पर ज्वाइन कर पुराने स्थान पर ही कार्य कर रहे हैं।
कर्मचारियों की अनुशासनहीनता के कारण नगर निगम में तमाम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नगर निगम जोन-चार के अधिशासी अभियंता अतुल मिश्रा ने जोनल अधिकारी जोन-छह मनोज कुमार यादव को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनके जोन में तैनात प्रथम श्रेणी लिपिक राजीव जैन का तबादला अभियंत्रण जोन-चार में हुआ है लेकिन अभी तक उन्होंने कार्यभारी ग्रहण नहीं किया है।
राजीव जैन को तत्काल कार्यमुक्त करने की मांग
अधिशासी अभियंता का कहना है कि उनके जोन में तैनात लिपिकों को कार्यमुक्त किया जा चुका है ऐसे में उनके पास केवल एक लिपिक पदस्थ है। लिपिक राजीव जैन द्वारा कार्यभार ग्रहण न किए जाने के कारण आईजीआरएस, जिलाधिकारी, जन सूचना अधिकार, वाद जैसे तमाम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। अधिशासी अभियंता ने राजीव जैन को तत्काल कार्यमुक्त करने की मांग की है। सूत्र बताते हैं कि जोन-छह के जोनल अधिकारी के ऊपर शासन में बैठे एक सीनियर आईएएस अफसर का हाथ है।
जिसके चलते वो नगर आयुक्त के आदेशों को अपने ठेंगे पर रखते हैं। काफी दबाव के बाद कुछ कर्मी ही रिलीव किए गए। उनके जोन से ट्रांसफर हो चुके राजीव कुमार, मीनाक्षी पटेल, राजीव जैन समेत कई लिपिक अभी तक कार्यरत हैं। पूरे जोन में कर निर्धारण से लेकर नाम परिवर्तन के नामपर अवैध वसूली का खुला खेल चल रहा है। यह हाल तब है जब छह माह पूर्व महिला लिपिक नीलम साहू को एंटी करप्शन टीम ने घूस लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। उधर, नगर निगम मुख्यालय का हाल भी बुरा है जहां नगर आयुक्त की नाक के नीचे ट्रांसफर हो चुके कर्मियों की मनमानी जारी है।
वेतन से लेकर संबंद्ध किए जाने के लिए लगा रहे जुगाड़
सूत्र बताते हैं कि नगर निगम में तमाम कर्मी ऐसे हैं जो नगर आयुक्त के आदेश को ठेगा दिखाकर पुरानी तैनाती स्थल से ही वेतन निकलवाने के लिए अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी से जुगाड़ लगा रहे हैं। कुछ बड़े अफसर अपने चहेतों को पुराना कार्य सौंपने के लिए उन्हें संबंद्घ कराने के जुगाड़ में हैं। मार्ग प्रकाश से ट्रांसफर हो चुके एक बाबू को संबंद्घ करने का खेल शुरू हो चुका है।
केवल कागजों तक सीमित तबादला आदेश
नगर आयुक्त ने बीते 30 जून को 155 लिपिक, 24 निरीक्षक, दो सुपरवाइजर और नौ चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला किया गया था। कार्यमुक्त न होने और कार्यभार न ग्रहण करने के मामले में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अम्बी बिष्ट ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भी लिखा था। इसमें नगर आयुक्त की नाराजगी का जिक्र करते हुए तत्काल आदेश का पालन करने की बात कही गई थी। मगर कर्मचारी नगर आयुक्त की सज्जनता का फायदा उठाने से चूक नहीं रहे है।
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